बढ़ती मंहगाई का असर वाहनों की ब्रिकी पर भी पड़ा है। अप्रैल और मई में 3 लाख दोपहिया वाहनों का स्टॉक डंप होने से डीलर्स परेशान हैं। टू-वीलर इनवेंटरी डीलरशिप्स के लिए यह बड़ी मुसीबत बन गई है। आर्थिक सुस्ती के चलते वाहन खरीदारों में कमी आई है। मई 2019 में सेल्स पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 8.6 फीसदी गिरी। इसके बावजूद मैन्युफैक्चरर्स प्रोडक्शन में कटौती करने से कतरा रहे हैं, जिससे दोपहिया का स्टॉक बढ़ता जा रहा है। इंडस्ट्री बॉडी फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के डेटा के मुताबिक, मई के अंत में टू-वीलर्स का एवरेज इनवेंटरी लेवल अप्रैल से 10 दिन बढ़कर 55-60 दिनों पर पहुंच गया था। टू-वीलर्स की सेल्स का आंकड़ा होलसेल और रिटेल की बिक्री के अंतर से तय होता है। एफएडीए के प्रेजिडेंट आशीष काले ने बताया कि अप्रैल और मई में टू-वीलर मैन्युफैक्चरर्स द्वारा डीलरों को भेजे जाना वाला होलसेल माल बिकने वाले रिटेल सेल्स से 6 लाख यूनिट ज्यादा था। अप्रैल में 13.3 लाख और मई में 14.2 लाख टू-वीलर्स की रिटेल सेल हुई थी। इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के आंकड़े शामिल नहीं हैं। इन तीनों राज्यों के डेटा को अजस्ट करते हुए काले ने कहा, 'इसके बावजूद 3 लाख यूनिट्स भेज दी गई। यह हमारे लिए एक बड़ी चिंता है।' 3 लाख टू-वीलर्स की ग्रॉस वैल्यू 1,500 करोड़ के लगभग है।
असेंबली लाइन की कमी से अप्रैल के मुकाबले मई में पैसेंजर वीइकल्स का एवरेज इनवेंटरी लेवल 10 दिन की गिरावट के साथ 35-40 दिन था। काले ने बताया, 'पैसेंजर वीइकल्स में रिटेल बिलिंग होलसेल से ज्यादा रही है। मैन्युफैक्चरर्स ने प्रॉडक्शन में कटौती की है।' कमर्शियल वीइकल का इनवेंटरी लेवल 45-50 दिन पर बना हुआ है। सूत्रों ने बताया कि हालांकि डीलर्स की इनवेंटरी के अलावा और 10-15 दिनों का एवरेज स्टॉक कंपनियों के पास देश भर के स्टॉकयार्ड्स में होता है। होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया डीलर्स की एवरेज इनवेंटरी को 30 दिन तक लाने में कामयाब रही है। यह टू-वीलर इंडस्ट्री से आधा है। टाटा मोटर्स भी इनवेंटरी को 21 दिनों पर लाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए उसने प्रॉडक्शन में कटौती की है।
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दोपहिया वाहन की अप्रैल-मई में बिक्री घटी, 3 लाख का स्टॉक डंप, डीलर्स परेशान