जम्मू । जम्मू-कश्मीर में महाजन, सिख और खत्रियों को अब बड़ा अधिकार मिल गया है। दरअसल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान अब तय किया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश में इन समुदायों कृषि भूमि खरीदने और बेचने के अधिकार को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए मौजूदा कानून में बदलाव किए जाएंगे। सीधे शब्दों में समझें तो अब कोई कृषक अपनी जमीन गैर-कृषक को बेच सकता है। इसके लिए उसे जिला कलेक्टर की मंजूरी लेनी होगी। लंबे समय से महाजन, खत्रियों और सिखों की तरफ से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि उन्हें कृषि क्षेत्र में निवेश और संबंधित गतिविधियों के लिए उन्हें कृषि भूमि बेचने और खरीदने के अधिकार मिलें। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में फैसला किया गया कि कृषि से जुड़े लोग अपनी जमीन गैर-कृषक को बेच सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से चल रही इस मांग को पूरा करने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में विकास और रोजगार के रास्ते खुलेंगे। अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद के लिए नए नियम बनाए गए। कृषि भूमि किसानों के हाथ में ही रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए नए कानून में प्रावधान रखा गया। 26 अक्टूबर, 2020 को लागू नए कानून में यह साफ कर दिया गया कि खेती से जुड़े लोग ही खेती की जमीन खरीद सकते हैं और अन्य नहीं। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने यह तय कर दिया कि महाजन, खत्री और सिख समुदाय कृषि भूमि नहीं खरीद सकते, क्योंकि उनके पूर्वज खेती नहीं करते थे। इसी नियम को अब नया कानून लाकर खत्म किया जाएगा।
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कश्मीर में अब सिख, खत्री और महाजन भी खरीद सकेंगे कृषि भूमि एलजी : मनोज सिन्हा