लंदन । कई किशोर लड़कियां टीक्स की शिकायत के साथ डॉक्टर्स के पास जा रही हैं। टीक्स का मतलब है लोग अचानक हिलने-डुलने लगते हैं या कोई आवाज करते हैं। लोग ऐसा बार-बार करते हैं। जिन लोगों को टीक्स की शिकायत है, वे अपने शरीर को इन चीजों को करने से नहीं रोक सकते। इसकी वजहों में तनाव, अवसाद के साथ टिकटॉक भी एक अहम वजह हो सकता है।
ऐसे मामलों में इजाफे की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान तेजी से हुई है। इस बारे में आर्टिकल लिखा है कि किशोर युवतियां टिकटॉक पर ऐसे वीडियो देख रही हैं, जो टौरेट सिंड्रोम से पीड़ित हैं।खबरों के अनुसार टौरेट सिंड्रोम एक तरीके का नर्वस सिस्टम से जुड़ा डिसऑर्डर होता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव (फड़कना), बार-बार मांसपेशियों का फड़कना, आवाज, हाथ और पांव में अचानक से ऐंठन और मरोड़ होना शुरू हो जाता है। ये डिसऑर्डर खासतौर किसी शख्स को युवावस्था में होता है और फिर धीरे-धीरे ये बढ़ता जाता है। यूट्यूबर अपने टीक्स के बारे में यूट्यूब पर लोगों को बताता है कि वह कैसे इस दिक्कत के साथ अपना जीवन जी रहा है।बता दें इस मुद्दे पर कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय डेटा नहीं है हालांकि द जर्नल ने बताया कि कुछ चिकित्सा केंद्रों पर टीक्स के मामले सामान्य से 10 गुना अधिक आ रहे हैं। महामारी से पहले केंद्र महीने में एक या दो मामले आते थे लेकिन अब कुछ डॉक्टर्स कह रहे हैं कि अक्सर 10 से 20 मामले सामने आ रहे हैं।
जर्मनी के हनोवर में स्थित एक डॉक्टर डॉ कर्स्टन मुलर-वाहल ने बताया कि वह अधिक से अधिक किशोर और युवा वयस्क लड़कियों में टीक्स की शिकायत पा रही हैं। 25 वर्षों से टॉरेट का इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा कि जिन लोगों को शिकायत है, जरूरी नहीं है कि सबमें एक ही किस्म के लक्षण हैं। सबमें अलग-अलग लक्षण भी हो सकते हैं। उन्होंने जल्द ही पता लगा लिया कि मरीज एक जर्मन यूटयूबर के टीक्स की नकल कर रहे थे।
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तनाव के साथ टिकटॉक भी हो सकती है टीक्स की वजह -टीक्स की शिकार हो रहीं लड़कियां, डॉक्टर्स ने किया आगाह