वित्तीय उलझनों और मुश्किलों से जूझती निजी क्षेत्र की हवाई सेवा जेट एयरवेज का परिचालन बंद हो गया है और उसके उबरने की संभावना भी खत्म हो गई है। जेट एयरवेज को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाला बैंकों का कंसोर्टियम इन्वसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टसी कोड के तहत एनसीएलटी में ले जाने की तैयारी कर रहा है। मामले को आईबीसी के बाहर सुलझाने के कर्जदाता बैंकों का प्रयास नाकाम होने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। कर्जदाता बैंकों ने एक बयान में कहा, 'जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला करने के लिए उसके कर्जदाताओं की आज एक बैठक हुई। काफी विचार-विमर्श के बाद कर्जदाताओं ने मामले का निपटारा आईबीसी के तहत करने का फैसला किया, क्योंकि कंपनी के लिए केवल एक सशर्त बोली मिली।' बयान के मुताबिक, 'एसबीआई के नेतृत्व वाले कर्जदाता बैंक जेट एयरवेज के लिए आईबीसी के बाहर रेजॉल्यूशन पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उपरोक्त कारणों से बैंकों को आईबीसी के तहत ही रेजॉल्यूशन का फैसला करना पड़ा है।' नकदी संकट के कारण जेट एयरवेज को बीते 17 अप्रैल को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। विमानन कंपनी पर 8,500 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपये है। जेट एयरवेज को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाले हिंदुजा ग्रुप और एतिहाद ने इस दिशा में आगे कदम नहीं बढ़ाया और न ही कोई औपचारिक प्रस्ताव दिया। इस बीच, जेट के खिलाफ दो कंपनियों ने मुंबई की दिवाला अदालत में याचिका दायर की है, जिस पर 20 जून को सुनवाई होगी।