नई दिल्ली । देश में खाद्य तेल समेत कई महत्वपूर्ण ज़रूरी सामानों की कीमतें ऊँचे स्तर पर बनी हुई हैं। शुक्रवार को खाद्य सचिव ने एक समाचार चैनल से बातचीत में माना कि खाद्य तेल की कीमत पिछले साल के मुकाबले इस साल 50 प्रतिशत से ज्यादा है। हालाँकि उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेल की रिटेल कीमतों में कमी दर्ज़ की गई है। खाद्य सचिव ने प्याज, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सीजनल कारणों को जिम्मेदार करार दिया है।
बातचीत में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा "सरकार ने खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी घटाई है। इस वजह से पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेल की कीमत में औसतन 5 रुपये से 6 रुपये तक की गिरावट दर्ज हुई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ड्यूटी कट की वजह से कीमतों को और ज्यादा नियंत्रित करना संभव होगा।"
प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने कहा "प्याज की कीमत पिछले 1 महीने में बढ़ी है। लेकिन हमें उम्मीद है कि खरीफ प्रोडक्शन प्याज का इस बार बेहतर होगा और इसकी वजह से आने आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें नियंत्रित होंगी। टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी के पीछे सीजनल कारण थे। अब उनकी कीमत भी नियंत्रित हो रही है।"
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 21 सितम्बर से 21 अक्टूबर के बीच प्याज, टमाटर महंगा हुआ है। इस अंतराल में रिटेल बाजार में टमाटर औसतन 75.62% महंगा हुआ है, जबकि प्याज़ की रिटेल कीमत 46.18% बढ़ी हैं।
खाद्य मंत्रालय के ताज़ा आकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में सबसे ज्यादा महंगा सरसों का तेल हुआ है। 21 अक्टूबर, 2020 को सरसों तेल की औसत रिटेल कीमत देश में 128.96/लीटर थी जो 21 अक्टूबर, 2021 को बढ़कर 185.88/लीटर पहुँच गई यानी 44.14% महंगा। वहीं 21 अक्टूबर, 2020 को सोयाबीन आयल की औसत रिटेल कीमत देश में 105 रुपये/लीटर थी जो 21 अक्टूबर, 2021 को बढ़कर 156.33/लीटर हो गई, यानी 48.89% बढ़ोतरी।
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खाद्य तेल समेत कई महत्वपूर्ण ज़रूरी सामानों की कीमत में 50 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि