उच्चतम न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की मांग वाली याचिका पर तुरंत कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। अदालत ने इस मामले को छुट्टी के बाद एक उपयुक्त बेंच के पास सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करने से इंकार किया, लेकिन कहा कि वह चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा से जुड़े व्यापक मुद्दे का अभी निपटारा नहीं कर रहा है। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को यह याचिका दायर की गई थी। जहां गत सोमवार रात एक मरीज की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने डॉक्टरों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से डॉक्टरों का यह प्रदर्शन जारी है।
याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में सरकारी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का निर्देश देने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया कि प्रदर्शन के कारण देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और डॉक्टरों की अनुपस्थिति से कई मरीजों की जान जा रही है।
याचिका में कहा गया, भारतीय चिकित्सा संघ ने डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया है और अपनी सभी राज्य शाखाओं के सदस्यों को शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर विरोध करने का निर्देश दिया। कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने आंदोलनरत डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकारी पदों से इस्तीफा दिया है। कोलकाता में जूनियर डॉक्टर कामकाज के स्थान पर बेहतर सुरक्षा की मांग करते हुए 11 जून से हड़ताल पर हैं।
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सुप्रीम कोर्ट का हड़ताली डॉक्टरों को सुरक्षा वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार