सिडनी । पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल के अनुसार टी20 क्रिकेट की बढ़ती हुई लोकप्रियता से टेस्ट क्रिकेट का आकर्षण घटा है ओर इसके भविष्य के लिए खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालातों से भी खेल के लंबे प्रारुप को नुकसान पहुंचा है। चैपल ने कहा कि टी20 मैच कम समय में पूरा हो जाता है और इसलिए यह प्रशंसकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
एशेज श्रृंखला को लेकर चली बातचीत का मुख्य कारण कोविड महामारी थी पर टी20 प्रारूप टेस्ट क्रिकेट पर हावी हो गया है।' चैपल ने कहा, ‘टी20 टूर्नामेंट में भाग लेने वाले देशों को शामिल करने के लिए केवल कुछ दिनों की जरूरत होती है और इसलिए वर्तमान के कठिन हालातों को देखते हुए लंबी अवधि की टेस्ट श्रृंखला की तुलना में इसमें पाबंदियों से समझौता करना सभी के लिए आसान होता है।' उन्होंने कहा, ‘कम अवधि का होने के कारण टी20 क्रिकेट उन देशों को टेस्ट मैचों की तुलना में अधिक अनुकूल लगता है जो पारंपरिक तौर पर क्रिकेट खेलने वाले देश नहीं हैं। यही वजह है कि टी20 टूर्नामेंट में ओमान और पापुआ न्यूगिनी जैसे देश भाग ले रहे हैं।' ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि टी20 प्रारूप खिलाड़ियों के लिये अधिक लुभावने और आकर्षक हैं।
चैपल ने कहा, ‘टी20 प्रारूप ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को छोड़कर अन्य देशों में टेस्ट क्रिकेट की तुलना में अधिक लुभावना और लोकप्रिय है। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट खिलाड़ी तैयार करने के लिए आवश्यक आधारभूत लागत गैर पारंपरिक क्रिकेट देशों के लिये काफी अधिक है जबकि दूसरी ओर एक टी20 प्रतियोगिता का संचालन आसान है और इससे अच्छी आय भी होती है।' चैपल ने कहा, ‘यहां तक कि अगर गैर पारंपरिक देश की अपनी टी20 प्रतियोगिता नहीं है तब भी उसके बेहतर खिलाड़ियों के पास विदेशों में जाकर टूर्नामेंट खेलकर अच्छी कमाई करने का अवसर है।' चैपल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट चलता रहेगा पर यह पारंपरिक क्रिकेट खेलने वाले देशों तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, ‘इन सब बातों पर गौर करने पर पता चलता है कि भविष्य में टेस्ट श्रृंखलाएं पारंपरिक क्रिकेट देशों के बीच ही खेली जाएंगी।
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टी20 पहली पसंद बनने से टेस्ट क्रिकेट का भविष्य खतरे में पड़ा : चैपल