नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य-घृणा के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है। विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता में समिति शांति व्यवस्था को संभावित नुकसान पहुंचा सकने वाली हर घटना को रोकने की दिशा में काम कर रही है।
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की समिति जांच कर रही है। पिछली कार्यवाही को जारी रखते हुए दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों से झूठे, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए जो हिंसा और वैमनस्य को बढ़ावा दे सकते हैं उसके ऊपर अपना विचार रखने के लिए कहा है। अब तक, समिति ने अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की है, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार, तथ्य जांचकर्ता, डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता और फेसबुक कर्मचारी शामिल हैं। समिति के कामकाज में अत्यधिक पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
-दिल्ली में फरवरी 2020 में सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की जांच
दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव संबंधी समिति ने राघव चड्ढा की अध्यक्षता में 27 अक्टूबर 2021 को फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। फेसबुक प्रतिनिधियों को 2 नवंबर 2021 को दोपहर 12.30 बजे समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है। दिल्ली में फरवरी 2020 में हुअ सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की समिति जांच कर रही है, ताकि हालात को शांत करने और धार्मिक समुदायों, भाषाई समुदायों या सामाजिक समूहों के बीच सद्भाव बहाल करने के लिए उपयुक्त उपायों की सिफारिश की जा सके।
-मामले में महत्वपूर्ण व्यक्तियों का पक्ष सुना गया
इस मामले में समिति ने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से पहले सात अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की है। पत्रकारों, पूर्व नौकरशाहों और सहित कई व्यक्तियों को सुन गया है। इनमें प्रख्यात पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता निखिल पाहवा, वरिष्ठ पत्रकार अवेश तिवारी, प्रख्यात स्वतंत्र और खोजी पत्रकार कुणाल पुरोहित, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और फेसबुक इंक के पूर्व कर्मचारी मार्क एस लक्की शामिल हैं। यह लोग समिति के समक्ष उपस्थित हुए और बहुमूल्य साक्ष्य एवं सुझाव प्रस्तुत किये।
-समिति की राय है कि फेक न्यूज, अभद्र भाषा पर अंकुश लगाने में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है
समिति ने देखा है कि हिंसा को बढ़ावा दे सकने वाले झूठे, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने में सोशल मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जो हिंसा और असामंजस्य को बढ़ावा दे सकते हैं।चूंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में फेसबुक के लाखों उपयोगकर्ता हैं, इसलिए समिति ने 2 नवंबर को होने वाली बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधियों को अपने विचार रखने के लिए बुलाया है।
सुप्रीम कोर्ट के 'अजीत मोहन एंड अन्य वर्सेज दिल्ली विधानसभा ' मामले में दिनांक 8.07.2021 के फैसले को आगे बढ़ाने के लिए फेसबुक को समन जारी किया जा रहा है। न्यायालय ने फेसबुक के प्रतिनिधियों सहित सदस्यों और गैर-सदस्यों दोनों को बुलाने की समिति की शक्तियों को बरकरार रखा था।
-पारदर्शिता के लिए कार्यवाही का सीधा प्रसारण
इस मामले के सार्वजनिक महत्व के संबंध में समिति ने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से मीडिया को कार्यवाही में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने और कार्यवाही का मंगलवार को सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया है। इस मामले की ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंच के लिए पूरी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
रीजनल नार्थ
दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य-घृणा के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है : राघव चड्ढा