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यूपी की पहली चुनावी रैली में अमित शाह ने कर दिया ऐलान, सीएम का चेहरा होंगे योगी -योगी ने प्रदेश को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाई 

यूपी की पहली चुनावी रैली में अमित शाह ने कर दिया ऐलान, सीएम का चेहरा होंगे योगी -योगी ने प्रदेश को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाई 

नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में 2022 चुनाव होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना अभियान शुरू कर दिया है। राज्य में भाजपा का चेहरा कौन होगा। क्या चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे? तमाम अटकलों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विराम लगा दिया है। लखनऊ में अपनी रैली में शाह ने साफ कहा कि अगर 2024 में मोदी जी को पीएम बनाना है तो योगी जी को सीएम बनाइए। इस ऐलान ने अमित शाह ने मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर पार्टी का रूख साफ कर दिया। अमित शाह ने कहा कि योगी जी ने 90 फीसदी वादे पूरे किए हैं। अपराध पर सख्ती का परिणाम है कि आज यूपी में बाहुबली ढूंढे नहीं मिल रहे। 
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सपा सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है तो बीजेपी अपने सियासी किले को अभेद्य बनाने में जुटी है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को लखनऊ पहुंचें। इस दौरान उन्होंने सपा-बसपा-कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि पांच साल पहले यूपी की हालत देखकर मेरा खून खौलता था, लेकिन आज न तो यूपी में कहीं पलायन हो रहा और न ही बाहुबली नजर आ रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी घोषणापत्र के 90 फीसदी वादे पूरे किए है और दो महीने में बचे हुए वादे भी पूरे किए जाएंगे ताकि जनता मानें की बीजेपी जो कहती है उसे पूरा करती है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी देश के सबसे ज्यादा युवा है। 53 फीसदी युवा हैं, जिनमें पार्टी से जोड़ा जाना चाहिए। गरीब, महिलाओं, दलित और पिछड़े को जोड़िए।  
शाह ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी होती हैं जो हमेशा के लिए समाज सेवा का कार्य करती हैं। वहीं, विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी होती हैं, जैसे बारिश में मेंढक बाहर आ जाता है, ऐसे चुनावी मेंढक भी चुनाव के समय ही बाहर आते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में 15 सालों तक सपा बसपा का खेल चलता रहा है।  यूपी को बर्बाद दिया था। यूपी की हालत देखकर मेरा खून खौल जाता था। कैराना से पलायन हो रहे थे, लेकिन पलायन कराने खुद पलायन कर गए हैं। किसी की हिम्मत नहीं है कि किसी पलायन करा दें।  
उन्होंने कहा कि 2017 में वादा किया था यूपी का विकास करेंगे। अखिलेश एंड कंपनी, बहन मायावती और गांधी वाड्रा परिवार को पता चल सके। 15 साल के बाद हम सत्ता में लौटे थे तो सातवीं नंबर की अर्थव्यवस्था थी, लेकिन आज यूपी दूसरे नंबर की है। अखिलेश के राज में 10 लाख करोड़ का बजट छोड़कर गए थे योगी ने 21 लाख 31 करोड़ कर दिया।  इसके साथ शाह ने कहा कि यूपी में बेरोजगारी 18 फीसदी दर की थी और आज 4 फीसदी दर है। मेडिकल कालेज 12 छोड़कर गए थे और आज तीस बन गया। चुनाव से पहले 40 बनाएं। 1500 डाक्टर बनते थे अब 4000 बनकर निकलेंगे।  
उन्होंने जब देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में था तो अखिलेश यादव और राहुल गांधी कहां थे? जब यूपी में भीषण बाढ़ का कहर बरपा तो सपा अध्यक्ष घर में छुपे थे चुनाव नजदीक आया तो इनके कार्यकर्ता सड़कों और गलियों प्रचार कर रहे हैं, लेकिन जब राज्य के लोग संकट में थे तो कार्यकर्ता तो छोड़िए, इनके नेता ही गायब थे। योगी ने प्रदेश को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाई है। आज यूपी देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है, यह योगी सरकार की कड़ी मेहनत का नतीजा है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीतने का संकल्प दिलाया। यूपी चुनाव से ठीक पहले अमित शाह का लखनऊ दौरे को राजनीतिक नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह लखनऊ तो कई बार आ चुके हैं, लेकिन पार्टी मुख्यालय में संगठन की बैठक लेने वह पहली बार आ रहे हैं।  ऐसे में शाह मिशन-2022 की रणनीति को धार देने के लिए पांच बड़ी बैठक करेंगे। 
अमित शाह 2013 में यूपी प्रभारी के रूप में 2014 लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी संभाली, तब सबसे पहले बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित कर बूथ स्तर के संगठन को प्रोत्साहित किया था। इस बार भी वह लखनऊ आ रहे हैं तो सबसे पहले अवध क्षेत्र के प्रभारी और संयोजकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सदस्यता अभियान शुरू करेंगे। शाह का फोकस इस बार सामाजिक समरसता पर रहेगा, जिसके तहत पिछड़ों और दलितों को पार्टी से जोड़ने की रणनीति है।  
 

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