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 पाक पीएम इमरान और जनरल बाजवा के बीच शीत युद्ध जारी, तख्तापलट की आशंका

 पाक पीएम इमरान और जनरल बाजवा के बीच शीत युद्ध जारी, तख्तापलट की आशंका

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच लंबे समय से शीत युद्ध चल रहा है। हालातों ने नए राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। कुछ लोगों ने यह भी आशंका जताई है कि इस तनाव के कारण पाकिस्तान में फिर से सैन्य तख्तापलट हो सकता है। पाकिस्तान को चलाने वाले ये दोनों नेता खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर भिड़े हुए हैं। हाल में ही इमरान खान सरकार ने बाजवा के खास नदीम अंजुम की आईएसआई चीफ के तौर पर नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। इसके बावजूद यह संकट खत्म नहीं हुआ है और पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ता दिख रहा है। कई दिनों तक बाजवा की पसंद का विरोध करने के बाद इमरान खान ने मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को इस पद पर नियुक्त करने पर सहमति जताई थी।
इमरान खान इससे पहले के आईएसआई चीफ फैज हमीद को ही सेवा विस्तार देना चाहते थे। फैज हमीद ही वह शख्स था, जिसने 2018 के चुनाव में इमरान खान की पार्टी को जीत दिलाने में मदद की थी। इतना ही नहीं, पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के पीछे भी फैज हमीद का ही दिमाग था। विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान चाहते थे कि फैज हमीद 2022 में बाजवा के रिटायर होने के बाद पाकिस्तानी सेना की कमान संभाले। इमरान खान को उम्मीद है कि फैज हमीद 2023 के चुनाव में इमरान खान को फिर एक बार सत्ता में लाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। फैज हमीद इस साल 20 नवबंर तक आईएसआई चीफ के पद पर बने रहेंगे। इसके बाद उन्हें पेशावर का कोर कमांडर बनाया गया है।
विपक्षी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की ओर से सेना की बढ़ती आलोचना से भी इमरान खान घबराए हुए हैं। यही कारण है कि पाकिस्तानी सेना भी अब इमरान खान से अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही है। विपक्षी दलों ने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों पर इमरान सरकार में अनुचित प्रभाव रखने और अवैध तरीके से पैसा कमाने का आरोप लगाया है। इमरान सरकार के अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन सहित राजनीतिक और दूसरे कारणों से जनरल बाजवा अब दूर हटने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से सेना का मोहभंग हो रहा है। सेना में घटते समर्थन के कारण इमरान खान अब नया स्त्रोत की तलाश कर रहे हैं। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद में यही दिख रहा है।
 

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