लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को भारत की आजादी के प्रतीकों में गिनने वाले बयान की हैदराबाद से सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने जमकर आलोचना की। ओवैसी ने कहा, 'यदि अखिलेश यादव को लगता है कि ऐसे बयान देकर वे कुछ लोगों के वर्ग को खुश कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि वे गलत हैं। उन्हें अपने सलाहकार बदल लेने चाहिए। उन्हें खुद को शिक्षित भी करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए। '
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी इस बयान को लेकर अखिलेश को खरीखोटी सुनाई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली बीएसपी की नेता ने कहा कि अखिलेश की यह टिप्पणी और बीजेपी का इसे लेकर 'जवाब' यूपी के चुनाव के पहले वोटों के ध्रुवीकरण की दोनों पार्टियों की रणनीति का हिस्सा है। मायावती ने कहा, 'सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर।'
को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में अखिलेश पर 'हमला' बोलते हुए उन्हें इतिहास पढ़ने की सलाह दी है। सपा प्रमुख के इस बयान को लेकर भी बीजेपी भी उन्हें आड़े हाथ ले चुकी है।
ज्ञात रहे कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की रैली में कहा था, 'सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।'
इस बयां के बाद भाजपा ने अखिलेश पर चुनाव के पहले 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का आरोप लगाया । यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'समाजवादी पार्टी प्रमुख ने रविवार को जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल से की। यह शर्मनाक है। यह तालिबानी मानसिकता है जो बंटवारे में भरोसा रखती है। सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया। वर्तमान में, पीएम (प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' को हासिल करने का काम चल रहा है।''
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया, 'सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव, मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं?' एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'जिन्ना के प्रति इतना प्यार देख कर तो ऐसा लग रहा है कि भारत-पाकिस्तान मैच के बाद एक-दो फुलझड़ी आपने भी जला ली होगी।'
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यदि अखिलेश को लगता है कि जिन्ना समर्थक बयान देकर वे कुछ लोगों को खुश कर सकते हैं तो वे गलत हैं - ओवैसी