लखनऊ । पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का नाम लेने पर बीएसपी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर सपा और भाजपा में सांठगांठ का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि सपा मुखिया ने जिन्ना को लेकर कल हरदोई में बयान दिया और व उसे लपककर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी। यह दोनों पार्टियों की अंदरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यहां तक आरोप लगया कि दोनों पार्टियां यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे की पोषक व पूरक रही हैं। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है जबकि बीएसपी के सत्ता में रहने के दौरान भाजपा कमजोर रहती है।
विदित हो कि अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई में एक जनसभा में पटेल की 146वीं जयंती पर उनकी प्रशंसा की थी। इसके साथ ही पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना सहित चार नेताओं की बराबरी कर दी थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान में पढ़ाई की और बैरिस्टर बने। उन्होंने (भारत को) आजादी दिलाने में मदद की और कभी किसी संघर्ष से पीछे नहीं हटे। सपा प्रमुख ने 1948 में गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पटेल द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाए गए प्रतिबंध का भी उल्लेख करते हुए कहा कि केवल वह ही ऐसा कर सकते हैं।
रीजनल नार्थ
अखिलेश के जिन्ना वाले बयान पर मायावती का आरोप, सपा-भाजपा में है सांठगांठ