पेइचिंग । पडोसी देश चीन अब गगनचुंबी इमारतें नहीं बनाएगा। चीन में एक 71 मंजिला बिल्डिंग हवा से हिलने लगी थी। इसके बाद से देश के छोटे शहरों को 'सुपर हाई-राइज बिल्डिंग' बनाने से प्रतिबंधित कर दिया है। चीन ने अब 30 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 150 मीटर (492 फीट) से अधिक सुपर हाई-राइज बिल्डिंग बनाने पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं इससे अधिक आबादी वाले शहरों को 250 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
500 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों पर पहले से ही प्रतिबंध लागू है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन दुनिया की कुछ सबसे ऊंची इमारतों का देश है, जिसमें 632 मीटर ऊंचा शंघाई टॉवर और 599।1 मीटर ऊंचा पिंग एन फाइनेंस सेंटर शामिल हैं। चीन में नए नियमों के मुताबिक जो अधिकारी गगनचुंबी इमारतों के निर्माण की अनुमति देंगे उन्हें इसके लिए 'जिंदगी भर जवाबदेह ठहराया' जा सकता है। साफ है कि आने वाले समय में अधिकारियों को सजा भी दी जा सकती है। चीन में इस बात की चिंताएं बढ़ रही हैं कि स्थानीय अधिकारी ऊंची-ऊंची इमारतों के निर्माण की रेस में सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रहे हैं। ये चिंताएं कुछ महीने बढ़ गई थीं जब शेनजेन में 56 मीटर ऊंची 71 मंजिला इमारत हिलने लगी थी। बाद में पता चला कि इमारत के हिलने का कारण इसके ऊपर लगा एक 50 मीटर लंबा खंभा है जो हवा के चलने से हिलने लगता है। इमारत को बंद कर दिया गया था और देशभर में 500 मीटर से ज्यादा ऊंची इमारतों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
चीन के आवास और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को इमारतों का सर्वे करना होगा और उन निर्माण सामग्री और आपदा प्रबंधन की जांच करनी होगी। स्थानीय रिपोर्ट में कहा गया है कि शंघाई और शेनझेन जैसे भीड़-भाड़ वाले शहरों में सुपर हाई-राइज बिल्डिंग की जरूरत हो सकती है, लेकिन अन्य शहरों में जमीन की कोई कमी नहीं है। आकर्षक इमारतों के निर्माण के लिए स्थानीय डेवलपर्स की आलोचना करते हुए, चीन महंगी वैनिटी परियोजनाओं पर नकेल कस रहा है।
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चीन में हवा से हिलने लगी थी 71 मंजिला बिल्डिंग -चीन अब नहीं बनाएगा गगनचुंबी इमारतें