नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को जैसलमेर होटल लोन धोखाधड़ी मामले में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रतीप चौधरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) जैसलमेर की कोर्ट में पेश किया गया। प्रतीप चौधरी को रविवार को दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। प्रतीप चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने 200 करोड़ रुपए की एक प्रॉपर्टी को सिर्फ 25 करोड़ रुपए में बेच दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्हें जैसलमेर जेल भेज दिया गया। यह मामला जैसलमेर में स्थित एक होटल की प्रॉपर्टी को एनपीए करने के बाद गलत तरीके से बेचने से जुड़ा है।
प्रतीप चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने अलकेमिस्ट एआरसी नाम की एक कंपनी को लोन डिफॉल्ट करने पर यह होटल नाम मात्र के भाव में बेच दिया। रिटायरमेंट के बाद चौधरी को उस कंपनी में निदेशक का पद दे दिया गया जिसे सस्ते में होटल बेचा गया था। राजवाडा होटल समूह ने जैसलमेर में बन रहे अपने होटल के निर्माण के लिए साल 2008 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की जोधपुर शाखा से 24 करोड़ का ऋण लिया था, लेकिन जब होटल समूह उसे चुका नहीं पाया तो एसबीआई ने इसे नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) मानते हुए होटल समूह के निर्माणाधीन और उसके एक चलते हुए होटल को जब्त कर लिया था। उस समय प्रतीप चौधरी स्टेट बैंक के चेयरमैन थे।
इसके बाद साल 2010 में उन्होंने छह करोड़ रुपए का लोन और मांगा जिसके लिए बैंक ने मना कर दिया। इसके बाद राठौर का हर्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी मृत्यु के दो महीने बाद एसबीआई ने राजवाडा होटल को दिए लोन को एनपीए में कन्वर्ट कर दिया और प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया। इसके बाद राठौर की दोनों संपत्ति की वैल्यू लगाई गई, उनके पुत्र को लोन वापस करने के लिए कहा गया। इसके बाद चौधरी रिटायर हो गए और रिकवरी कंपनी में एक बिचौलिए अलोक धीर को निदेशक बना दिया गया। प्रतीप चौधरी ने जिस कंपनी को कौड़ियों के भाव होटल खरीदने में मदद की, उसी कंपनी में निदेशक बने। होटल समूह की इन एसेट की वर्तमान समय में कीमत 250 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पिछले दिनों इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
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स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी ने ढाई सौ करोड़ के होटल को 25 करोड़ में किसे खरीदने में की मदद?