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प्रशांत किशोर फिर बनाएंगे कांग्रेस के लिए रणनीति

प्रशांत किशोर फिर बनाएंगे कांग्रेस के लिए रणनीति

नई दिल्ली । पंजाब कांग्रेस में महीनों से चले आ रहे घमासान और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने जीत सुनिश्चित करने को फिर से प्रशांत किशोर को जोड़ने का मन बनाया है। आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को फिर से अपने साथ जोड़ सकती है। खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात की पुष्टि की है कि आलाकमान ने उन्हें प्रशांत किशोर से चुनावी रणनीति साझा करने की हरी झंडी मिली है। अगर प्रशांत किशोर पंजाब में कांग्रेस के लिए फिर से चुनावी रणनीति बनाने को तैयार होते हैं तो एक तरह से चुनावी रणनीतिकार के रूप में उनकी वापसी होगी, क्योंकि कुछ महीने पहले ही उन्होंने इस पारी से विराम लेने का ऐलान किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें प्रशांत किशोर से आगामी चुनाव के मद्देनजर रणनीति साझा करने की सलाह दी है। बताया जा रहा है कि इस फैसले पर खुद कांग्रेस आलाकमान की मुहर लगी है। बता दें कि आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस के सामने अगले साल चुनाव में जीत हासिल करना इसलिए भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि पहले भाजपा केवल विरोध में थी, मगर अब कैप्टन के जाने से भी सियासी समीकरण बदलता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मंगलवार की रात पंजाब भवन में पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू समेत पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच एक अहम बैठक हुई। बैठक में ही हरीश चौधरी ने चन्नी से कहा कि वह प्रशांत किशोर से चुनावी रणनीति साझा करें। यानी कांग्रेस फिर से पंजाब में प्रशांत किशोर को जोड़ेगी। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे या नहीं। अगर प्रशांत किशोर पंजाब में कांग्रेस की चुनावी रणनीति की कमान संभालते हैं तो एक तरह से फिर से उनकी चुनावी कामकाज में वापसी होगी। क्योंकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी की जीत सुनिश्चित कराने के बाद मई महीने में प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति बनाने के काम से सन्यास लिया था। दरअसल, प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के जोड़ने की वजह है बीता विधानसभा चुनाव। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ही कांग्रेस की रणनीति तैयार की थी और पार्टी के साथ मिलकर काम किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में 117 में से 78 सीटें जीतकर कांग्रेस ने 10 साल बाद पंजाब की सत्ता में वापसी की थी। मगर अब कैप्टन कांग्रेस से अलग हो गए हैं, ऐसे में चन्नी के लिए राह आसान नहीं होगी। 
 

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