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 रूस-यूक्रेन विवाद में अमेरिका भी कूदा, मॉस्को को चेतावनी देने सीआईए प्रमुख को भेजा

 रूस-यूक्रेन विवाद में अमेरिका भी कूदा, मॉस्को को चेतावनी देने सीआईए प्रमुख को भेजा

वॉशिंगटन । रूस और यूक्रेन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। अब यूक्रेन सीमा पर रूसी सेना की तैनाती को लेकर अमेरिका भी बीच में कूद पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को चेतावनी देने के लिए अपनी खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स को मॉस्को भेजा था। इस बीच रिपब्लिकन सांसदों ने बाइडेन प्रशासन के ऊपर दबाव बढ़ाते हुए मांग की है कि रूसी सेना की आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए अमेरिका को यूक्रेन के नजदीक अपने सैनिकों को तैनात करना चाहिए।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने सीआईए चीफ को रूस पर दबाव बनाने के लिए मॉस्को भेजा था। जो बाइडेन का उद्देश्य यह था कि विलियम बर्न्स रूस को यह बताएं कि अमेरिका यूक्रेन की सीमा के पास अपने सैनिकों की तैनाती को करीब से देख रहा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी के चीफ की रूस यात्रा को काफी दुर्लभ माना जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीआईए चीफ बर्न्स ने क्रेमलिन में सीधे सैन्य गतिविधि में शामिल वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत की। यूक्रेन के सूत्रों ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बर्न्स ने रूसी अधिकारियों से यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों और हथियारों की अनियमित तैनाती को लेकर अमेरिका की चिंताओं को साझा किया।
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बाइडेन प्रशासन ने हाल के दिनों में अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि रूस में अपनी बैठकों के बाद सीआईए चीफ बर्न्स ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की। क्षेत्र में पैदा हुए नए तनाव को कम करने के लिए अमेरिका ने गुरुवार को अपने विदेश विभाग के एक बड़े अधिकारी को यूक्रेन की राजधानी कीव भी भेजा था। अमेरिका की उच्च स्तर की कूटनीति और हड़बड़ाहट इस बाद को दर्शाती है कि बाइडेन प्रशासन रूसी सेना की तैनाती को कितनी गंभीरता से ले रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच तनाव के कारण कीव में ऊर्जा संकट भी बढ़ गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के एक सलाहकार ने बताया कि सैन्य तैनाती और ईंधन की सप्लाई को रोकना रूस की आक्रामकता के बढ़ते स्तर को दर्शाता है।
उधर, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेना की तैनाती असामान्य है। हम इसकी बारीकी से निगरानी करना जारी रखे हुए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि रूस द्वारा कोई भी आक्रामक या आक्रामक कार्रवाई अमेरिका के लिए बहुत चिंता का विषय होगी। माना जा रहा है कि अमेरिका को यूक्रेन की सहायता के लिए आगे आना पड़ेगा।
 

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