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सैन्य वार्ताएं बेनतीजा अब एलएसी पर कड़ा रुख अपना रहे भारत और चीन

सैन्य वार्ताएं बेनतीजा अब एलएसी पर कड़ा रुख अपना रहे भारत और चीन


नई दिल्ली । लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए हुई सैन्य वार्ता के बेनतीजा रहने के चार हफ्ते बाद यह देखने को मिल रहा है कि भारत और चीन दोनों ने ही वास्तविक सीमा रेखा पर कड़ा रुख अपना लिया है। सीमा विवाद के बीच दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बाउंड्री में सैन्य गतिविधियां, बुनियादी ढांचे का विकास, निगरानी और युद्धाभ्यास को बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच 18 महीनों से जारी सीमा विवाद को सुलझाने में सैन्य वार्ताएं लगभग असफल रही हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कार्रवाईयों के जवाब में भारत ने भी गतिविधि बढ़ाई है और वह किसी भी आकस्मिकता के लिए तैयार रहने के लिए भी कदम उठा रहा है। इस साल दो बार चीन और भारत के सैनिक तनाव वाले क्षेत्रों से पीछे हटे हैं लेकिन अभी भी दोनों सेना के करीब 50 से 50 हजार जवान एडवांस हथियारों के साथ लद्दाख में तैनात हैं। बीते हफ्ते जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि बीजिंग विवाद को सुलझाने के लिए जारी वार्ता के बावजूद एलएसी पर अपने दावे को मजबूत करने के लिए लगातार विस्तारवादी और सामरिक रणनीति अपना रहा है। पूर्व नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (रिटायर्ड) कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि भारत और चीन दोनों की ओर से कड़ा रुख अपना लिया गया है और 13वें दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से आए बयान से साफ संकेत मिलते हैं कि एक आम सहमति बना पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, 'इस विवाद को सुलझाने का कोई भी हल अब राजनीतिक या कूटनीतिक स्तर पर ही मिलना संभव है। हालांकि, यह निश्चित नहीं कि इस तरह की पहल करने के लिए कोई देश इच्छुक है भी या नहीं।' बता दें कि 10 अक्टूबर को 13वें दौर की वार्ता के दौरान पीएलए ने भारतीय सेना की ओर से दिए सुझावों को मानने से मना कर दिया था। भारतीय सेना ने कहा कि उसने शेष क्षेत्रों में विवाद सुलझाने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और न ही उनकी तरफ से आगे के लिए कोई प्रस्ताव पेश किया गया। वहीं, चीन ने भारत पर अतार्किक और अव्यावहारिक मांग करने का आरोप लगाया। 10 अक्टूबर की वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद पीएलएन ने एलएसी पर टैंक ड्रिल भी किया है। इसके जवाब के तौर पर भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में बीते हफ्ते भी हवाई अभ्यास कर यह साबित कर दिया कि वह किसी भी कार्रवाई पर त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। 
 

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