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चीनी अधिकारियों ने जबरन ध्वस्त कराया मॉनेस्ट्री से जुड़ा तिब्बती स्कूल

चीनी अधिकारियों ने जबरन ध्वस्त कराया मॉनेस्ट्री से जुड़ा तिब्बती स्कूल

बीजिंग । चीन में तिब्बतियों के दमन का सिलसिला अब भी जारी है। पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत स्थित कारजे प्रिफेक्चर में तिब्बती स्कूल अधिकारियों को द्रागो मोनास्ट्री से जुड़े स्कूल को पिछले माह गिराने पर मजबूर कर दिया गया। चीनी अधिकारियों द्वारा मंदिर पर भूमि उपयोग कानून का उल्लंघन करने के आरोप लगाए जाने के बाद यह यह कार्रवाई की गई है।
इससे पहले चीनी अधिकारियों ने क्विंघाई प्रांत स्थित बौद्ध मठों में छापा मारकर वहां रह रहे युवा भिक्षुओं को पूजा-साधना छोड़कर वापस घर जाने के लिए कहा है। अधिकारी चीन में लागू धार्मिक मामलों के नियम का हवाला देते हुए एक अक्टूबर से यह कार्य कर रहे हैं। द्रागो मोनास्ट्री द्वारा संचालित स्कूल गाडेन राबटेन नामग्यालिंग की चीनी अधिकारियों ने अक्टूबर के अंत में निंदा की थी। इसके बाद मोनास्ट्री के अधिकारियों ने स्कूल को तीन दिन के भीतर ध्वस्त करने का निर्देश दिया और यह भी चातावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो चीन सरकार की टीम स्कूल को ध्वस्त कर देगी।
स्कूल के अधिकारी व वालंटियर स्कूल को गिराने के लिए एकत्रित हुए। भूमि कानून के तहत केवल स्थानीय बिल्डिंग ही आते हैं। मोनास्ट्री संचालित इस स्कूल को 2014 और 2018 में बनाया गया। चीनी सरकार ने चार सालों में 18 साल से कम उम्र वाले 20 सन्यासियों को देश से निकाल दिया। सन 1950 में चीनी सैनिकों ने तिब्बत पर अधिकार कर लिया। इसके बाद यहां हिंसक झड़पें हुईं। 14वें दलाई लामा ने भारत जाकर शरण ली।
 

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