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 प्रतीक्षा खत्म, 25 नवंबर को नोएडा में जेवर एयरपोर्ट का होगा शिलान्यास -पीएम मोदी और सीएम योगी एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे

 प्रतीक्षा खत्म, 25 नवंबर को नोएडा में जेवर एयरपोर्ट का होगा शिलान्यास -पीएम मोदी और सीएम योगी एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे

नोएडा । यूपी के नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बहुप्रतीक्षित शिलान्यास 25 नवंबर को संपन्न होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। इस एयरपोर्ट के साथ 25 वर्षों का इंतजार भी खत्म होगा। शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ ने इसके लिए सहमति दे दी है। माना जा रहा है कि 25 दिसंबर के बाद कभी भी यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसी के चलते शिलान्यास की तारीख पहले तय की गई है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इस एयरपोर्ट के विकास की जिम्मेदारी स्विस कंपनी ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को दी गई है। 1334 हेक्टेयर में पहले चरण का काम होगा। विकासकर्ता कंपनी को जमीन हैंडओवर कर दी गई है।
कंपनी ने साइट पर समतलीकरण और बाउंड्रीवॉल का काम शुरू कर दिया है। अब एयरपोर्ट के शिलान्यास की तारीख तय हो गई है। 25 नवंबर को इसकी आधारशिला रखी जाएगी। तारीख को लेकर पीएमओ ने सहमति जता दी है। जल्द ही अधिकारिक पत्र जारी कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करने आएंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे। शिलान्यास की तिथि तय होने के बाद प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा। पहले चरण की शुरुआत एक रनवे के साथ होगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने छह गांवों की जमीन अधिग्रहित की है। इसमें रणहेरा, रोही, पारोही, दयानतपुर, किशोरपुर और बनवारीवास शामिल हैं। यह जमीन अधिग्रहण नए कानून के तहत किया गया है। किसानों को नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत सभी लाभों को दिया गया है। जेवर एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापित परिवारों को जेवर बांगर में बसाया गया है। इस परियोजना के पहले चरण में 3003 परिवार प्रभावित हुए हैं। इन सभी परिवारों को जेवर बांगर में भूखंड दिए गए हैं। किसानों ने यहां पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। जेवर बांगर में शहर जैसी सारी सुविधाएं दी गई हैं। शासन के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण ने इस टाउनशिप को विकसित किया है।
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का जिले के लोगों को करीब 25 वर्षों से इंतजार है। जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे, उस वक्त जेवर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए फाइल चली थी। यह प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन इस साइट की दूरी दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बहुत कम थी। इसके चलते परियोजना लटक गई। जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती बनीं तो उन्होंने भी कई बार यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा। योजना केवल फाइलों में लखनऊ से दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ के बीच घूमती रही। उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बने तो उन्होंने जेवर से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को आगरा शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन केंद्र और राज्य के बीच का गतिरोध गौतमबुद्ध नगर के लिए अच्छा साबित हुआ। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी और 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने। इसके बाद पिछले 5 वर्षों में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा धरातल पर उतर पाया है।
 

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