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पराली जलाने में किसानों की गलती नहीं पंजाब में भी बायो डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव करेंगे

पराली जलाने में किसानों की गलती नहीं पंजाब में भी बायो डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव करेंगे

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगर पंजाब में 'आप' की सरकार बनी तो पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए राज्य में बायो डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा। आम आदमी पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाने के लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वहां की सरकारें ही विकल्प उपलब्ध कराने में विफल रही हैं। दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर 48 प्रतिशत पर पहुंच गई और सोमवार को सरकारी एजेंसियों ने राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की 5,450 घटनाओं की सूचना दी, जो इस मौसम में सबसे अधिक है। गोपाल राय ने कहा कि इसमें किसानों की गलती नहीं है। उनके खिलाफ किसी भी बयान का कोई मतलब नहीं है। पराली का समाधान सरकारों को देना था। हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है (कैसे पराली जलाने पर अंकुश लगाया जा सकता है)। अन्य राज्यों में ऐसा करने की इच्छाशक्ति की कमी है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि अगर हम पंजाब में सरकार बनाते हैं तो हम राज्य के हर क्षेत्र में बायो-डीकंपोजर का मुफ्त छिड़काव सुनिश्चित करेंगे जैसा कि हमने दिल्ली में किया था। उन्होंने पहले कहा था कि पंजाब, जो सालाना लगभग 20 मिलियन टन धान का पुआल पैदा करता है, अगर राज्य में 'आप' की सरकार बनती है तो वह पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा। दिल्ली सरकार ने पूसा बायो-डीकंपोजर के मुफ्त छिड़काव की व्यवस्था की है, जो एक माइक्रोबियल समाधान है, जो दिल्ली में 844 किसानों से संबंधित 4,300 एकड़ में पराली को खाद में बदल सकता है। पिछले साल 1,935 एकड़ जमीन पर 310 किसानों ने इसका इस्तेमाल किया था। पंजाब में 2.814 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है। अधिकारियों के मुताबिक, इस साल उत्तर प्रदेश 10 लाख एकड़, पंजाब पांच लाख एकड़, हरियाणा एक लाख एकड़ में बायो-डीकंपोजर का इस्तेमाल कर रहा है। 
 

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