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राहुल गांधी का हमला, मित्र-हित में जानबूझकर किया नोटबंदी का फैसला माफी योग्य नहीं 

राहुल गांधी का हमला, मित्र-हित में जानबूझकर किया नोटबंदी का फैसला माफी योग्य नहीं 

नई दिल्ली । कांग्रेस ने नोटबंदी के पांच साल पूरे होने के मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधकर दावा किया कि इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था इस तरह ध्वस्त हुई कि आजतक उठ नहीं सकी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘मित्र-हित में जानबूझकर उठाए इस कदम की कोई माफी नहीं हो सकती। गलती होती,तब जनता माफ कर देती लेकिन जानबूझकर मित्र-हित में चली गई चाल की कोई माफी नहीं,कितने ही साल बीत जाएं काफी नहीं। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह सवाल किया कि अगर यह कदम सफल था,तब फिर भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ और आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? उन्होंने ट्वीट किया,अगर नोटबंदी सफल थी,तब भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? कालाधन वापस क्यों नहीं आया ? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई ? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई ? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा ?’’
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया,पहले बताया गया कि नोटबंदी का मकसद कैशलेस अर्थव्यवस्था है। जल्द ही सर्वज्ञानी ने पटरी बदलकर कहा कि कैशलेस नहीं, बल्कि कम कैश है। अब चलन में नकदी नोटबंदी के पहले के समय के मुकाबले ज्यादा हो चुकी है।’’उन्होंने आरोप लगाया कि हर बीतते साल के साथ यह स्पष्ट होता जा रहा है, कि आठ नवंबर, 2016 (नोटबंदी की घोषणा) दुनिया के आर्थिक इतिहास की सबसे बड़ी नीतिगत गलती थी। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, आज नोटबंदी की पांचवीं बरसी है। आर्थिक दृष्टि से भी आज एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज ही का वहां काला दिन था वर्ष 2016 में, जब भारत की इकनॉमी को ध्वस्त किया गया था, जिससे वहां आज तक नहीं उठ सकी है।’’
उधर,भारतीय युवा कांग्रेस ने नोटबंदी के पांच साल पूरे होने के मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय के निकट प्रदर्शन किया। इस मौके पर, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने आरोप लगाया, ‘‘5 साल पहले प्रधानमंत्री द्वारा थोपी गई नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का काम किया है। प्रधानमंत्री का नोटबंदी करने का फैसला मास्टरस्ट्रोक की बजाय महातबाही साबित हुआ। नोटबंदी से आतंकवाद के खात्मे का दावा जुमला निकला। देशवासियों को नोटबंदी ने मंदी में धकेल दिया।
 

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