नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार अब इम्प्लॉइज प्रॉविडैंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ई.पी.एफ.ओ.) के सब्सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है। दरअसल, सरकार पीएफ खाताधारकों की न्यूनतम पैंशन की राशि में जल्द बढ़ौतरी करने का फैसला लेगी है।ई.पी.एफ.ओ. के सैंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सी.बी.टी.) की बैठक जल्द ही होने वाली है। इसमें कई बड़े-बड़े मसलों पर चर्चा के बाद फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक का मुख्य एजैंडा पैंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाने पर फैसला लेना है।
बात दें कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम पैंशन को 1,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपए करने की मांग की है। माना जा रहा है कि सैंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इस 3,000 रुपए तक कर सकता है। ई.पी.एफ.ओ. के पैसे को निजी कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने के विवादास्पद मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा होगी। साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पैंशन फंड की ब्याज दर पर भी फैसला लिया जा सकता है।
सी.बी.टी. न्यूनतम पैंशन को बढ़ाने का फैसला कर सकता है। माना जा रहा है कि ई.पी.एफ. में जमा रकम पर 8.5 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर जारी रह सकती है। मौजूदा ब्याज दर में कोई बदलाव होने की संभावना कम है। सी.बी.टी. की बैठक पहले 16 नवम्बर को होनी थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। अभी बैठक के मुद्दे और एजैंडे तैयार होना बाकी है।सी.बी.टी. की आखिरी बैठक मार्च 2021 में श्रीनगर में हुई थी। सी.बी.टी. ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ई.पी.एफ. जमा राशि पर 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी। इसे वित्त मंत्रालय ने हाल में मंजूरी दे दी है।
इकॉनमी
पीएफ खाताधारकों की न्यूनतम पैंशन की राशि में जल्द हो सकती हैं बढ़ौतरी