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सपा जब भी सत्ता में आती है, भाजपा मजबूत होती है, दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू : मायावती

सपा जब भी सत्ता में आती है, भाजपा मजबूत होती है, दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू : मायावती

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बसपा कार्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सपा जब भी सत्ता में आती है, तो भाजपा मजबूत होती है। बसपा सत्ता में आती है, तो भाजपा कमजोर होती है। सपा और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठाकर समाज का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मायावती ने कहा कि भाजपा का 300 और सपा का 400 विधानसभा सीटें जीतने का दावा बचकाना है, क्योंकि इस हिसाब से तो चुनाव आयोग को यूपी विधानसभा में सीटें बढ़ाकर 1,000 करनी पड़ेंगी। जमीनी स्तर पर किसमें कितना दम है, यह अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में साफ हो जाएगा। 
मायावती ने साफ किया कि बसपा की सरकार बनी तो वही मुख्यमंत्री बनेंगी। उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र या आकाश आनंद के मुख्यमंत्री के दावेदार होने के सवाल पर कहा कि चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और सर्व समाज की इच्छा है कि मैं ही पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनूं। खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह तो समय ही बताएगा। अखिलेश यादव और योगी क्या करते हैं, उनसे मेरी तुलना नहीं की जानी चाहिए। 
पार्टी के उत्तराधिकारी के संबंध में किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी मेरा स्वास्थ्य ठीक है। जब काम करने लायक नहीं रहूंगी तो उत्तराधिकारी का ऐलान कर दिया जाएगा। बसपा में युवाओं को 50 फीसदी टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा होना तो अच्छी बात है और लिस्ट आने पर यह साफ हो जाएगा। कांग्रेस में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने पर कहा कि केंद्र में और कई राज्यों में सरकार होने पर उन्होंने 33 फीसदी आरक्षण का कानून क्यों नहीं बनाया? 
मायावती ने कहा कि यूपी के विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस की हालत खराब है, तो इस तरह के वादे किए जा रहे हैं। मायावती ने एक बार फिर दोहराया कि इस विधानसभा चुनाव में बसपा किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बड़े नेताओं के बसपा छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बड़े होते तो मैं उनको क्यों निकालती? वे जहां भी जा रहे हैं, अकेले ही जा रहे हैं। उनके साथ बसपा के अन्य लोग नहीं जा रहे हैं।
मायावती ने कहा भाजपा को आम जनता के दुख-दर्द की इतनी चिंता होती तो पेट्रोल-डीजल के दाम और महंगाई नहीं बढ़ती। चुनाव नजदीक आने पर पेट्रोल-डीजल के दामों में मामूली कमी की है। चुनाव जीतकर भाजपा सत्ता में आई तो फिर इसकी भी भरपाई ब्याज समेत करेगी। यह बात जनता को ध्यान में रखनी चाहिए। कोरोना काल और बाढ़ के समय बसपा ने जमीन पर रह कर काम किया, लेकिन कभी ढिंढोरा नहीं पीटा। भाजपा सरकार राष्ट्रधर्म की उपेक्षा करते हुए अपनी तिजोरी भरने में लगी रही। 
 

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