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 दिल्ली में डेंगू के केसों में आए उछाल के कारण ऑर्गन फेल्योर के मामले भी बढ़े

 दिल्ली में डेंगू के केसों में आए उछाल के कारण ऑर्गन फेल्योर के मामले भी बढ़े

नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में इस साल डेंगू  का प्रकोप निश्चित रूप से 'अधिक गंभीर' है। यह मल्टी ऑर्गन फेल्योर के मामलों में वृद्धि का बड़ा कारण बन रहा है।  शहर के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिएरी साइंसेस को यह जानकारी दी। डेंगू  के कारण दिल्ली में सोमवार को तीन लोगों की जान गई। इसके साथ ही इस साल डेंगू के कारण मौतों की कुल संख्या 9 तक पहुंच गई है। यह संख्या वर्ष 2017 के बाद सर्वाधिक है जब 10 लोगों की 'डेंगू के डंक' के कारण जान गई थी। दिल्ली में 1 से 6 नवंबर के बीच डेंगू के 1,171 मामले दर्ज हुए हैं। अक्टूबर माह में 1,196 और सितंबर में 217 मामले रिपोर्ट हुए थे। आईएलबीएस  के वाइस चांसलर और कोविड-19 पर दिल्ली सरकार के पैनल के चेयरमैन डॉक्टर एसके सरीन ने कहा , हमने पाया है कि इस साल इनफेक्शन अधिक गंभीर है और जो लोग पहले डेंगू के शिकार हो चुके हैं, वे भी संक्रमित हो रहे हैं। सीधी सी बात है चार तरह के हैं और एक आपको इसे फिर होने से रोकता है लेकिन यह दूसरे से आपको नहीं बचा पाता।' चार तरह के हैं, इसके मायने यह है कि आप चार बार संक्रमित हो सकते हैं।उन्होंने कहा, 'पेट के मरीज हमारे पास उल्टी, नाकसे खूनआना और लिवर फेल्योर के साथ आ रहे हैं।  एक सप्ताह में दो से तीन केस सिवीयर लिवर फेल्योर  के साथ आ रहे हैं।  इन्हें किडनी फेल्योर, ब्रेन फेल्योन है इसलिए मल्टी ऑर्गन डिसफंक्शन के कारण वे काफी बीमार हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने डेंगू को दो श्रेणियों में बांटा है:  आप में लक्षण हैं या आप में इसके लक्षण नहीं हैं।  यदि आप में इसके लक्षण है तो यह गंभीर है। ऐसे में डेंगू ब्लडप्रेशर और सदमे का प्रमुख कारण है। गंभीर डेंगू लोगों में गंभीर बीमारी और मौत का कारण बन रहा है। गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉ।डीएस राणा ने कहा,' इस बार डेंगू के मामले बच्चों में ज़्यादा आ रहे हैं। बच्चे बहुत गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं।पहले हमने देखा था कि डेंगू में सिर्फ़ प्लेटलेट्स कम होती थीं लेकिन इस बार मरीज़ों को हो रहा है।हम देख रहे हैं लोगों का लिवर और किडनी ख़राब हो रही है। हमारे बच्चों से भरे हुए हैं, इस बार डेंगू के मरीज़ों को की ज़रूरत पड़ रही है। उम्मीद है कि ठंड के बढ़ने के साथ डेंगू के मामलों में कमी आएगी। ' डॉक्टरों ने तेज बुखार वाले मरीजों को नहीं देने की सलाह दी है क्योंकि यह ब्लीडिंग का कारण बनती है। उन्होंने कहा, 'मेरा सुझाव है कि यदि किसी को फीवर है तो न दें क्योंकि यह ब्लीडिंग का कारण बनती है। जो डेंगू से संक्रमित हैं, उन्हें यह मेडिसिन देकर आप ब्लीडिंग की आशंका को बढ़ा रहे है। ऐसे मरीजों को  दीजिए और अस्पताल रेफर करिए। इन्हें दीजिए और अस्पताल रेफर करिए। पानी देकर इन्हें अच्छी तरह से हाइड्रेट करिए ताकि वे समय पर अस्पताल पहुंच सकें।'
 

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