नई दिल्ली । दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने हैं। आम आदमी पार्टी सरकार की 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' के खिलाफ केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र ने चुनौती दी है। अपनी याचिका में केंद्र ने कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर चलाने का प्रयास है जिसका लाभार्थियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को लागू करने की अनुमति देने के आदेश को चुनौती दी है। केंद्र ने कहा है कि हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की योजना के हानिकारक प्रभाव पर केंद्र को सुने बिना योजना को लागू करने की अनुमति दी है। ये योजना जरूरतमंदों को राशन वितरण पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत चलती है। इसके महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभावों में से एक "एक राष्ट्र एक राशन कार्ड" योजना के कार्यान्वयन पर होगा जिसे केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए शुरू किया गया था। इसमें वे भारत में कहीं भी अपने कार्यस्थल पर राशन की दुकानों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से राशन प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र ने सरकार पर राशन की दुकानों पर मशीनें लगाने और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। केंद्र का कहना है कि दिल्ली सरकार अब इन मामलों में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए के उल्लंघन में एक नई योजना शुरू करने का प्रयास कर रही है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की लोगों को घर में राशन पहुंचाने की योजना को मंजूरी दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि, ।।लेकिन उचित दर दुकानों में राशन की कमी नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी उचित मूल्य की दुकानों को उन कार्डधारकों की जानकारी दे जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद उचित मूल्य के दुकानदारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के उन लाभार्थियों को राशन की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है। ऐसे में इन दुकानों पर ऐसे लोगों का राशन भेजे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने