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संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष 

संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष 

नई दिल्ली । संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। संसदीय मामलों की समिति ने इन तारीखों पर मुहर लगा दी थी।उम्मीद की जा रही है कि मानसून सत्र की तरह इस बार भी संसद में पेगासस का मुद्दा गूंजेगा। इसके अलावा विपक्ष ने सदन में महंगाई, लखीमपुर खीरी का मुद्दा और कश्मीर में हो रही नागरिकों की हत्या सहित कई मुद्दे उठा सकता है।कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं हो सका था।25 दिनों तक चलने वाले सत्र में 19 बैठकें आयोजित होंगी।इस दौरान कोविड-19 से जुड़े सभी नियमों का पालन होगा। खबर है कि विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेर सकता है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी पेगासस के कथित इस्तेमाल के मुद्दे को उठाएगी। कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल गठित करने के फैसले पर खुशी जाहिर की थी। 
वहीं ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी भारत-चीन सीमा तनाव के मुद्दे को उठा सकते हैं।औवेसी का कहना हैं कि मामले पर केंद्र कुछ भी नहीं कह रहा है,इसके बाद हम मांग करते हैं कि शीतकालीन सत्र के दौरान इस पर बहस होनी चाहिए। इसके अलावा विपक्ष तीन कृषि कानूनों को खत्म करने के मुद्दे को भी उठा सकता है।पंजाब सहित कुछ राज्यों के किसान तीनों कानूनों का दिल्ली की अलग-अलग सरहदों पर विरोध कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी सदन में सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे को उठा सकता है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार और बदलाव किए थे।
 

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