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तीन पनडुब्बी और अन्य संबंधित सूचना लीक मामले सीबीआई ने केंद्र सरकार ने कार्रवाई की मंजूरी मांगी 

तीन पनडुब्बी और अन्य संबंधित सूचना लीक मामले सीबीआई ने केंद्र सरकार ने कार्रवाई की मंजूरी मांगी 

नई दिल्ली । नौसेना में शामिल की जा रही तीन पनडुब्बी और अन्य संबंधित सूचना लीक करने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए मोदी सरकार से मंजूरी चाहता है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। सीबीआई के मुताबिक,शुरुआत में एजेंसी ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच के दौरान उस नौसेना से संबंधित कम से कम दो परियोजनाओं से जुड़े कागजात बरामद किये, जिसके बाद मामले में, सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
सीबीआई ने आरोपियों की जमानत पर सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष यह बात कही। गौरतलब है कि सीबीआई ने दो अलग-अलग नौसैनिक परियोजनाओं के बारे में गोपनीय जानकारी के कथित लीक के संबंध में दो नवंबर को दो आरोपपत्र दाखिल किये थे। यह रक्षा भ्रष्टाचार के मामलों में सबसे तेज गति से की जाने वाली जांचों में से एक है क्योंकि एजेंसी ने 3 सितंबर को पहली गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गिरफ्तार आरोपियों को आसानी से जमानत न मिले।
सीबीआई के आरोपपत्र में, नौसैना के सेवानिवृत्त अधिकारियों कमोडोर रणदीप सिंह और कमांडर एस जे सिंह के नाम हैं, जबकि दूसरे मामले में, इनके अलावा, सेवारत कमांडर अजीत कुमार पांडेय, और हैदराबाद स्थित एलन रीनफोर्स्ड प्लास्टिक्स लिमिटेड के तीन अधिकारियों, कार्यकारी निदेशक टी पी शास्त्री और निदेशकों एन बी राव और के चंद्रशेखर को सूचीबद्ध किया गया है। सीबीआई ने तीन सितंबर से शुरू हुए अभियान में दो आरोपी सेवानिवृत्त अधिकारियों, पांडेय, उनके अधीन एक अन्य सेवारत अधिकारी और दो निजी व्यक्तियों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। हिरासत में बंद नौसैनिक अधिकारियों में से एक का नाम आरोपपत्र में नहीं है और उन्हें जल्द ही दाखिल किए जाने वाले पूरक आरोपपत्र में सूचीबद्ध किया जा सकता है।
एक अधिकारी ने कहा था, हमने दो अलग-अलग आरोपपत्र दाखिल किए हैं, क्योंकि हम दो अलग-अलग नौसैनिक परियोजनाओं में आरोपियों की भूमिका की जांच कर रहे हैं।’’राउज एवेन्यू में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में, सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान लगाए हैं।
 

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