लाहौर । पाकिस्तान ने हाल ही में खूंखार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ शांति समझौता किया था।इसके बाद अब इमरान सरकार आतंकियों को सामान्य जीवन जीने का मौका देना चाहती है।इस बारे में पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर अगर आतंकी संविधान को अपनाना चाहते हैं, तब सरकार उन्हें एक मौका दे सकती है।फवाद चौधरी ने कहा कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े कुछ आतंकी हिंसा छोड़ना चाहते हैं।गौरतलब है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सांसदों को राष्ट्रीय सुरक्षा हालात के बारे में जानकारी देकर कहा था कि सरकार और प्रतिबंधित संगठन के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ है।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के शांति समझौते को लेकर कहा गया था कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में गृहमंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी की बड़ी भूमिका है।तालिबान ने ही पाकिस्तान को टीटीपी के साथ बातचीत का ऑफर दिया था। सरकार के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने प्रधानमंत्री इमरान खान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को कायम करने में मदद की है। टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने कहा कि नौ नवंबर से शुरू होने वाला संघर्ष विराम नौ दिसंबर तक रहेगा।इस दौरान पाकिस्तान और टीटीपी के बीच बातचीत जारी रखने के लिए एक समिति बनेगी।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को 2008 में ब्लैकलिस्ट किया था। टीटीपी ने पिछले 10 साल में पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं।आतंकवादी संगठन का सबसे बड़ा गढ़ इमरान खान का गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा है।हाल में ही टीटीपी के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा में चीन के इंजीनियरों की बस पर हमला कर 13 लोगों को मार दिया था।
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आंतकियों को सामान्य जीवन जीने का मौका दे रही इमरान सरकार