नई दिल्ली । दिवाली के बाद से ही यमुना में प्रदूषण का बुरा हाल है। दिल्ली में प्रवेश करने के बाद ही इसके 22 किलोमीटर के हिस्से का बुरा हाल हो जाता है। दरअसल इसका एक बड़ा कारण यमुना में गिरने वाले 22 नालों का पानी है। ये नालों का पानी दिल्ली के हिस्से में यमुना को बुरी तरह से प्रदूषित कर देता है। यहां हालात इतने अधिक खराब हो जाते हैं कि इस पानी से कैंसर होने तक का खतरा हो सकता है। दिवाली के बाद छठ पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है। इसकी एक पुरानी परंपरा ये है कि नदी या जहां जैसी चीज उपलब्ध हो वहां साफ पानी में खड़े होकर पहले डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है उसके बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर ये व्रत पूरा माना जाता है। दिवाली के छठवें दिन इसी की तैयारी होने लगती है। ऐसे में यमुना और हिंडन के किनारे लोग बड़े पैमाने पर लोग जमा होते हैं और इस त्योहार को मनाते हैं। मगर इस बार इस त्योहार के दौरान यमुना के पानी में जगह-जगह झाग देखे गए, इनकी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हुए। छठ के दौरान ऐसी तस्वीरें सभी ने देखी, इसी झाग वाले प्रदूषित पानी में छठ पूजा करने वालों ने खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा अर्चना की। कवि कुमार विश्वास ने भी बीते तीन दिनों में ऐसी कई वीडियो और तस्वीरें अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट की। साथ ही ये भी लिखा कि यमुना को साफ करने के लिए जिन-जिन सरकारों ने वायदा किया था उन्होंने कुछ भी नहीं किया। उन्होंने चुटकी लेते हुए शायराना अंदाज में चार लाइनें भी लिखी थीं। ये लाइनें उस समय लिखी गई थी जब उन्होंने देखा कि यमुना में पैदा हो रहे झाग को खत्म करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड का कर्मचारी पानी का छिड़काव कर रहा था।
रीजनल नार्थ
कुमार विश्वास ने कसा तंज और लिखा आप सब मिले हुए हैं जी