सोशल नेटवर्क साइट फेसबुक की अगले साल पेश की जाने वाली क्रिप्टोकरंसी लिब्रा भारत में उपलब्ध नहीं होगी। मौजूदा रेगुलेशंस के तहत ब्लॉकचेन करेंसी में देश के बैंकिंग नेटवर्क का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। इस बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि डिजिटल वॉलिट उन देशों में उपलब्ध नहीं होगा, जहां क्रिप्टोकरंसीज पर प्रतिबंध है या फेसबुक पर इनमें ऑपरेट करने को लेकर रोक लगी है। फेसबुक ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि उसकी सब्सिडियरी कैलिब्रा 2020 में क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करेगी। फेसबुक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भारत में अपनी क्रिप्टोकरंसी के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है। फेसबुक ने वीजा, मास्टरकार्ड, पेयू और उबर सहित 28 ऑर्गनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप की है जो वर्चुअल करेंसी को स्वीकार करेंगे। लिब्रा नाम से लॉन्च की जाने वाली यह क्रिप्टोकरंसी मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप और फेसबुक दोनों पर मिलेगी।वॉट्सऐप के पास भारत में 40 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं, जबकि फेसबुक के देश में यूजर्स की संख्या 30 करोड़ से अधिक है। आरबीई ने पिछले वर्ष अप्रैल में रेगुलेटेड फर्मों को तीन महीने में वर्चुअल करेंसी में डीलिंग रोकने का निर्देश दिया था। इसका कारण इन करेंसी के साथ जुड़े जोखिम थे। देश में बिटकॉइन की ट्रेडिंग करने वाली फर्मों ने आरबीआई के प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होनी है।