नई दिल्ली । किसान और भू स्वामी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की लैंड पूलिंग पालिसी में अभी तक पंजीकरण नहीं करा पाए थे, अब करा सकते हैं। डीडीए ने एक बार फिर से 104 लैंड पूलिंग गांवों के लिए पंजीकरण खोल दिया है। पंजीकरण प्रक्रिया बुधवार से कर दी गई है, जो अगले 45 दिनों (24 दिसंबर) तक चलेगी। इसके बाद किसान-भू स्वामियों और उनकी जमीनों के कंसोर्टियम (संघ) बनाए जाएंगे। 11 अक्टूबर 2018 को अधिसूचित और पांच जोनों एन, पी टू, के वन, एल और जे में बांटी गई इस पालिसी को करीब एक सौ सेक्टरों में बांटा गया है। यह जोन 20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित होंगे। इस पालिसी के तहत जमीन के मालिक अपनी जमीन के पूल बना सकते हैं और उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित कर सकते हैं। पालिसी के तहत डीडीए के पास अभी तक कुल 6,930 हेक्टेयर जमीन का पंजीकरण हो चुका है। खास बात यह कि इसमें अब एक नया जोन पी वन भी बना दिया गया है। इसके अलावा नौ नए गांव पहली बार जोड़े गए हैं। इनमें बांकनेर, भोरगढ़, होलंबी कलां, खेड़ा कलां, कुरेनी, मामूरपुर और नरेला पी वन जोन जबकि बरवाला और मुबारकपुर को एन जोन में शामिल किया गया है। समस्या यह है कि डीडीए को जमीन तो मिल रहे हैं, लेकिन इस पर फ्लैट तैयार करने के लिए बिल्डर नहीं मिल रहे। बिना बिल्डरों के पालिसी पर काम बढ़ाना मुश्किल है क्योंकि बिल्डरों को ही किसानों का संघ बनाकर उनकी जमीन को मिलाना है एवं उस पर निर्माण कार्य शुरू करना है। ऐसे में डीडीए ने खुद ही इस पालिसी को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया लेकिन बाद में देखा गया कि जिन सेक्टरों में काम किया जाना है, वहां अभी और जमीन चाहिए। इसलिए पंजीकरण प्रक्रिया दोबारा से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। डीडीए अधिकारियों को उम्मीद है कि इन 45 दिनों में और भी अनेक किसान- भू स्वामी इस पालिसी का हिस्सा बन जाएंगे। इसके बाद इन जोनों के लिए जमीन का पंजीकरण कराने वाले किसानों के साथ डीडीए अधिकारी बैठक करेंगे। उनकी उलझनों का जवाब देंगे, उन्हें और उनकी जमीन को आपस में मिलाएंगे। इसके बाद जोन एन तथा के-1 में डीडीए सड़कें भी बनाई जाएंगी। बिजली, पानी, सीवर का नेटवर्क भी बिछाया जा रहा है। डीडीए को उम्मीद है कि धरातल पर कुछ नजर आने लगेगा तो बिल्डर भी खुद ब खुद इसमें शामिल होने आ जाएंगे।
रीजनल नार्थ
दिल्ली के किसानों और जमीन मालिकों के लिए अच्छी खबर