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 ऑक्सीजन कांड मामले में डॉ. कफील बर्खास्त

 ऑक्सीजन कांड मामले में डॉ. कफील बर्खास्त

लखनऊ । गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत मामले के बाद चर्चा में आए डॉ. कफील खान को योगी सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। बीआरडी में हुई बच्चों की मौत के मामले में ही यह कार्रवाई की गई है। पिछले साल भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कफील पर रासुका लगाकर जेल भी भेजा गया था। हाईकोर्ट से रासुका रद होने पर उनकी रिहाई हो सकी थी। 
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने डॉ. कफील की बर्खास्तगी की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। अभी तक निलंबित चल रहे डा. कफील को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) कार्यालय से संबद्ध किया गया था। प्रमुख सचिव कुमार ने बताया कि यह मामला चूंकि अदालत में चल रहा है, इसलिये बर्खास्त किए जाने के संबंध में अदालत में जानकारी दी जाएगी।
विदित हो कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 अगस्त को डॉक्टर कफील को निलंबित कर दिया गया था। तभी से उनके खिलाफ जांच चल रही थी। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत के बाद सियासत गरमा गयी थी। डॉ. कफील खान गोरखपुर मामले के बाद बहराइच के मामले में भी निलंबित कर दिये गए थे। इस पर वह हाईकोर्ट पहुंचे। 31 जुलाई 2019 के निलंबन आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। यह मामला 2018 का है। डॉ कफील गोरखपुर में निलंबित होने के बाद महानिदेशक कार्यालय लखनऊ से संबद्ध थे। उसी समय बहराइच में इंसेफलाइटिस बीमारी के कारण एक सप्ताह में 70 बच्चों की मौत हो गई थी। डॉ कफील इलाज करने के लिए वहां पहुंच गए थे। बाद में डॉ कफील को बिना अनुमति लिए बच्चों का इलाज करने व सरकार विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसे चुनौती देते हुए कफील ने याचिका में कहा था कि निलंबन के दो साल बाद भी जांच प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। ऐसे में उनका निलंबन वापस लिया जाए। साथ ही जब वह एक मामले में निलंबित है तो दूसरे मामले में निलंबित करने का कोई औचित्य नहीं है।
 

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