बीजिंग । चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश में अपनी पकड़ को और मजबूत कर लिया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव से न केवल शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है, बल्कि उनका रुतबा भी पहले से ज्यादा बढ़ गया है। शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के बाद भी सत्ता में बने रहने के हकदार हो गए हैं। इस तरह से शी जिनपिंग अब अपने पूर्ववर्ती माओत्से तुंग और देंग जियाओपिंग की राह पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के छठे पूर्ण अधिवेशन में शी जिनपिंग से जुड़े प्रस्ताव को पारित किया गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की उच्च स्तरीय बैठक में पार्टी के गत 100 साल की अहम उपलब्धियों को लेकर यह ‘ऐतिहासिक प्रस्ताव’ पारित किया गया। इसके साथ ही अगले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रेकॉर्ड तीसरे कार्यकाल बल्कि उसके आगे के लिए भी रास्ता साफ कर दिया गया है।
पार्टी की 19वीं केंद्रीय समिति का छठा पूर्ण अधिवेशन आठ से 11 नवंबर के बीच राजधानी बीजिंग में आयोजित किया गया। अधिवेशन संपन्न होने के बाद बताया गया कि बैठक में ऐतिहासिक प्रस्ताव की समीक्षा की गई और उसे पारित किया गया। सीपीसी के 100 साल के इतिहास में यह इस तरह का तीसरा प्रस्ताव है। 14 पन्ने की विज्ञप्ति में शी जिनपिंग के नेतृत्व और पार्टी में उनकी ‘केंद्रीय स्थिति’ की प्रशंसा की गई है, जो स्पष्ट करता है कि वह अगले साल समाप्त हो रहे दूसरे कार्यकाल के बाद अभूतपूर्व तरीके से तीसरा कार्यकाल भी जारी रखेंगे और अपने पूर्ववर्तियों की तरह सेवानिवृत्त नहीं होंगे।
इस अधिवेशन में पार्टी के करीब 400 वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया और निर्णय लिया कि पांच साल में एक बार बुलाई जाने वाली पार्टी कांग्रेस (अधिवेशन) को अगले साल के अंत के बजाय मध्य में बुलाया जाए तब शी के तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। 68 वर्षीय शी जिनपिंग को चीन को ‘राजकुमार’ के तौर पर देखा जाता है, क्योंकि वह पूर्व उप-प्रीमियर शी झोंगझुन के बेटे हैं, जिन्हें उनके उदारवादी विचारों के लिए माओ के अत्याचार का सामना करना पड़ा था। बाद के दिनों में शी का पार्टी में तेजी से कद बढ़ा और वह पूर्ववर्ती राष्ट्रपति हू जिंताओं के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति बन गए।
जिनपिंग को सन 2016 में पार्टी के ‘केंद्रीय नेता’ का दर्जा दिया गया था, जो माओ के बाद यह दर्जा पाने वाले पहले नेता हैं। शी का चीन की सत्ता के तीनों केंद्रों-सीपीसी के महासचिव, शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष जो सभी सैन्य कमानों को देखती है और राष्ट्रपति- पर कब्जा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस अधिवेशन से शी की ताकत और बढ़ी है।
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सीपीसी ने पारित किया ऐतिहासिक प्रस्ताव, जिनपिंग को ज्यादा अधिकार मिले, तीसरे कार्यकाल का रास्ता साफ