वॉशिंगटन । ब्रह्माड़ पर हो रही खगोलीय घटनाएं हमेशा से कौतुक का विषय होती है। अब पृथ्वी के नजदीक एक छोटे ऐस्टरॉइड को परिक्रमा करते हुए देखा गया था। नेचर कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट मैग्जीन में 11 नवंबर को छपे एक रिसर्च के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड चंद्रमा का एक टुकड़ा हो सकता है। जो प्राचीन समय में टूट गया था। रिसर्चर्स का कहना है कि अगर इसकी पुष्टि होती है तो यह ऐस्टरॉइड चंद्रमा से पैदा होने वाला पृथ्वी के निकट पहला खगोलीय पिंड होगा। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह हमारे ग्रह और चंद्रमा के इतिहास पर रोशनी डालने में सहयोग कर सकता है। इस ऐस्टरॉइड को केमो ओवालीवा कहा जा रहा है। खगोलविदों ने इसकी खोज 2016 में हवाई में पेंस्टार टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके की थी। यह वस्तु नंगी मानव आंखों से देखने की तुलना में लगभग 4 मिलियन गुना ज्यादा धुंधली है। हर अप्रैल में चट्टान की कक्षा इसे पृथ्वी के इतने करीब लाती है कि यह हमारी सबसे शक्तिशाली दूरबीनों को कुछ समय के लिए दिखाई देती है। हालांकि इस दौरान भी यह पृथ्वी से लगभग 9 मिलियन मील या 14.4 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होता है। जांच से पता चला है कि ऐस्टरॉइड एक फेरिस व्हील के आकार का है जिसका व्यास 190 फीट (58 मीटर) से अधिक नहीं है। अपनी निकट-पृथ्वी की कक्षा के कारण यह ऐस्टरॉइड अर्ध-उपग्रह कैटेगरी में फिट बैठता है, ऐसे खगोलीय पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन पृथ्वी के बेहद करीब रहते हैं। खगोलविदों ने पहले भी बहुत से अर्ध-उपग्रहों का पता लगाया है। दक्षिण एरिजोना में एक पर्वत की चोटी से बड़े टेलिस्कोप का इस्तेमाल करते हुए, शोधकर्ताओं ने कई सालों तक अपनी नियमित अप्रैल यात्राओं के दौरान इस ऐस्टरॉइड को करीब से देखा था।
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पृथ्वी के नजदीक परिक्रमा करता छोटा ऐस्टरॉइड हो सकता है 'चांद का टुकड़ा' : वैज्ञानिक