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दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने कई उपायों की घोषणा 

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने कई उपायों की घोषणा 

नई दिल्ली । दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की शनिवार को अहम समीक्षा बैठक भी हुई। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान कमेटी  प्लान के तहत हुई इस बैठक में राजधानी और एनसीआर में जहरीले स्मॉग को रोकने आयोग ने पार्किंग फीस 3-4 गुना बढ़ाने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि राज्यों को आपातकालीन क़दमों के लिए बिल्कुल तैयार रहना होगा। ईंट के भठ्ठे दिल्ली और एनसीआर  में अगले आदेश तक बंद रहेंगे। हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर पूरे दिल्ली एनसीआर में बंद रहेंगे। डीज़ल जेन सेट बंद रहेंगे।
दिल्ली एनसीआर  में पार्किंग शुल्क 3-4 गुना बढ़ाए जाएं। खुले में कूड़ा जलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाए। इससे पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार स्कूलों और ऑफिसों को एक हफ्ते के लिए बंद करने का ऐलान कर चुकी है। स्कूल ऑनलाइन चलेंगे और ऑफिस कर्मचारी भी घर से काम करेंगे। आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर अगले 4-5 दिन बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। अगर प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी को भी पार कर जाता है तो आपात उपाय लागू करने के लिए सरकारी एजेंसियों को तैयार रखना चाहिए। इसमें कहा गया है कि अगर हालात और बिगड़े तो ऑड ईवन का फार्मूला लागू करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
आयोग ने कहा है कि प्रदूषण प्रभावित राज्य और सरकारी एजेंसियां आपात उपाय लागू करने के लिए ग्रैप के तहत तैयारी पूरी कर लें। अभी तक दिए गए आदेश को पूरी प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। धूल पैदा करने वाली वजहों पर गौर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली एनसीआर में ईंट के भट्टे बंद हों और इसको लेकर एनजीटी का आदेश लागू किया जाए। 
सभी हॉट मिक्स प्लांट और पत्थरों को तोड़ने के स्टोन क्रशर भी दिल्ली एनसीआर में बंद रहें। आयोग ने कहा कि प्राकृतिक गैस से बिजली उत्पादन बढ़ाया जाए, ताकि कोयला आधारित बिजली से प्रदूषण न बढ़े। एनसीआर में बदरपुर पावर प्लांट पहले ही बंद कर दिया गया है। बस और मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाए। इन सेवाओं के फेरे बढ़ाए जाएं। पीक टाइम में यात्रा पर अंकुश के लिए अलग-अलग रेट भी निर्धारित किए जाएं। धूल को रोकने के उपायों की निगरानी के लिए समय समय पर निर्माण स्थलों की समीक्षा की जाए और आदेशों का अनुपालन न होने पर कड़े कदम उठाए जाएं। जनरेटरों का इस्तेमाल न हो, इसके लिए बिजली आपूर्ति लगातार जारी रखी जाए। 
 

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