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भारतीय को-विन प्लेटफॉर्म की मुरीद हुई दुनिया -एक दर्जन देशों को तकनीक उधार देगा भारत 

भारतीय को-विन प्लेटफॉर्म की मुरीद हुई दुनिया -एक दर्जन देशों को तकनीक उधार देगा भारत 

नई दिल्ली । वैश्विक महामारी कोकोना की रोकथाम को लेकर भारत काफी सतर्क रहा। देश में देशी तकनीक आधारित और में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण को संभालने वाले को-विन प्लेटफॉर्म की दुनिया भी मुरीद हो गई है जल्द ही इसका इस्तेमाल अन्य देशों में भी होगा। भारत से इस तकनीक को हासिल करने में 12 देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। कई देश ऐसे भी हैं, जिनके साथ चर्चा काफी प्रगति पर है। भारत में यह सॉफ्टवेयर ने 800 टीकाकरण प्रति सेकंड के भार के साथ एक दिन में 2.5 करोड़ वैक्सीनेशन भी संभाल चुका है। भारत के साथ बातचीत में शामिल 12 देशों में सबसे आगे दक्षिण अमेरिका चल रहा है। सरकार की तरफ से दक्षिण अफ्रीका को एमओयू भेजा जा चुका है, जिस पर स्वीकार्यता आनी बाकी है। कोविन की तकनीक में दिलचस्पी दिखाने वालों में ज्यादातर देश अफ्रीका और मध्य एशिया के हैं। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर आरएस शर्मा ने बताया, ‘बातचीत और इस पहल पर हो रही प्रगति की देखरेख विदेश मंत्रालय कर रहा है। मुझे बताया गया है कि अब तक 12 देश एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हुए हैं।’
बताया गया है, ‘हमने दक्षिण अमेरिका के सात एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं और स्वीकार्यता के लिए दस्तावेज भेज दिए हैं। एक बार प्रक्रिया पूरी होने पर हम घोषणा करेंगे।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अन्य देशों को को-विन एक ‘केंद्र सरकार की तरफ से लाइसेंस प्राप्त’ प्रोडक्ट के तौर पर देगी, जिसका इस्तेमाल ‘इच्छुक देश मुफ्त में हमेशा के लिए कर सकेंगे।’ साथ ही एक शर्त यह होगी कि सॉफ्टवेयर को बिक्री के लिए इस्तेमाल करने या दोबारा पैकेज करने की अनुमति नहीं होगी। सॉफ्टवेयर की क्षमताओं के बारे में बताने के लिए सरकार ने 5 जुलाई को विश्व स्तर पर वर्चुअल कॉन्क्लेव आयोजित किया था। इसमें स्वास्थ्य और तकनीक क्षेत्र से जुड़े जानकार शामिल हुए थे। क्षमता पर उठे तमाम सवालों के बाद भी को-विन ने भारत में बेहतर काम किया है। शर्मा की तरफ से बताए गए डेटा के अनुसार, को-विन ने प्रति सेकंड औसतन 100 टीकाकरण संभाले हैं।
उन्होंने कहा, 17 सितंबर को जब भारत ने एक दिन में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने का रिकॉर्ड बनाया, तो को-विन ने प्रति सेकंड 800 टीकाकरण का भार संभाला। एक घंटे में इस तकनीक ने 30 लाख टीकाकरण संभाले थे।’ उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने ‘शुरुआती गड़बड़ियों’ के बाद इस तकनीक पर शक जाहिर किया था। शर्मा ने कहा, ‘उन्होंने सोचा कि यह शायद भार नहीं उठा सकेगा, लेकिन भारत के टीककारण अभियान को आसानी से चलाने में को-विन मजबूत प्लेटफॉर्म साबित हुआ।’ उन्होंने कहा कि जब भारत ने एक दिन में 1 करोड़ से ज्यादा टीकाकरण का आंकड़ा छुआ था, तब प्लेटफॉर्म ने प्रति सेकंड 400 से ज्यादा टीकाकरण संभाले थे। कार्यकाल के दौरान तकनीक से जुड़े कई कार्यक्रम संभाल चुके शर्मा को ही को-विन निर्माण का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूडिआई) के महानिदेशक और मिशन डायरेक्टर रहते हुए आधार की प्रक्रिया को भी संभाला।
 

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