लखनऊ । कोरोना का कहर अभी थमा ही था कि यूपी में लोगों को डेंगू ने दशहत में डाल दिया है। मामले इतने आ रहे हैं कि इसने बीते आठ सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश में 25 हजार 800 डेंगू केस मिल चुके हैं जो पिछले साल से आठ गुना अधिक है। सबसे ज्यादा 5700 मामले फिरोजाबाद में मिले हैं, जबकि राजधानी लखनऊ दूसरे स्थान पर है। हालांकि अच्छी बात यह है कि मौतों का आंकड़ा बेहद कम है और बेड के लिए कहीं भी मारामारी जैसी स्थिति नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू से प्रदेश में अब तक आठ लोगों की मौत हुई है। फिरोजाबाद में सबसे ज्यादा पांच की जान जा चुकी है जबकि प्रयागराज, वाराणसी और गाजियाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। हालांकि वास्तविक संख्या इससे अधिक बताई जा रही है। इस साल राजधानी में डेंगू के रिकॉर्ड 1936 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि सरकारी दावों के अनुसार अबतक किसी की मौत नहीं हुई है। वर्ष 2019 में डेंगू के 885 व 2020 में 635 मरीज मिले थे। निजी अस्पतालों में सरकारी की तुलना में ज्यादा मरीज भर्ती हैं। फैजुल्लागंज, चिनहट, दुबग्गा, मड़ियांव, सरोजनीनगर, अलीगंज, इंदिरानगर पारा, चिनहट व तेलीबाग इलाकों में संचालित निजी अस्पतालों में 80 फीसदी मरीज डेंगू एवं बुखार के भर्ती हैं। सरकारी अस्पतालों में सोमवार को 58 व निजी अस्पतालों में 300 से ज्यादा मरीज भर्ती थे। दीपावाली से पहले राजधानी में रोजाना 30 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल रहे थे जबकि पिछले 10 दिनों से डेढ़ दर्जन के आस-पास ही रोजाना मरीज मिल रहे हैं। निजी अस्पतालों पर डेंगू के नाम पर बेवजह प्लेटलेट्स चढ़ाने और ज्यादा बिल वसूलने के भी आरोप लग रहे हैं।
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यूपी में डेंगू का आठ साल का रिकार्ड टूटा अब तक 25800 मरीज मिले