शिमला। उत्तर भारत में दिल्ली सहित कई राज्यों में प्रदूषण से जीना मुहाल हो गया है। दिल्ली में हालात इतने खराब हैं कि स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद करने पड़े हैं। उत्तर भारत में हिमाचल की हवा सबसे साफ है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे बेहतर है। हिमाचल में शिमला की हवा सबसे साफ है। वहीं, हिमाचल में सबसे अधिक एक्यूआई औद्योगिक नगरी बद्दी में है। यहां पर एक्यूआई 109 दर्ज हुआ है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा खराब होने के चलते बड़ी संख्या में टूरिस्ट भी हिमाचल का रुख कर रहे हैं। शिमला, मनाली सहित दूसरे टूरिस्ट स्पॉट्स टूरिस्ट आ रहे हैं। हिमाचल में सबसे अधिक एक्यूआई औद्योगिक नगरी बद्दी में है। यहां पर एक्यूआई 109 दर्ज हुआ है।
हिमाचल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, हिमाचल में शिमला में एक्यूआई का स्तर 40, मनाली में 82, धर्मशाला में 43, सुंदरनगर में 50, ऊना 57, डमडाल 53, परवाणु 45, पांवटा साहिब 86, काला अंब 57, बद्दी 109 और नालागढ़ में प्रदूषण का स्तर 80 है। सबसे अहम बात है कि हिमाचल के बद्दी, डमटाल, कालाअंब, नालागढ़, परवाणु जैसे शहर औद्योगिक शहर हैं और यहां बड़े पैमाने पर फैक्ट्रियां हैं। लेकिन यहां पर एक्यूआई का स्तर संतोषजनक है। हिमाचल में एक्यूआई लेवल 50 से 100 के बीच में है, जिसे की संतोषजनक माना जाता है।
हिमाचल में किन्नौर जैसे इलाकों में हवा और बेहतर है, लेकिन वहां पर पैमाना नहीं है। इसलिए टूरिस्ट शिमला का रुख कर रहे हैं। शिमला के होटलों में टूरिस्ट की ओक्यूपैंसी 50 से 70 प्रतिशत के बीच है। वीकएंड में तो कई बड़े होटल सोल्ड आउट चल रहे हैं। 18 नवंबर के बाद कई होटलों में बुकिंग फुल है। यहां पहुंचे कुछ टूरिस्ट का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा है। ऐसे में उन्होंने हिमाचल का रुख किया है। हिमाचल में प्रदूषण ना के बराबर होने का मुख्य कारण है कि यहां पर कुछ स्थानों पर ही उद्योग हैं। साथ ही गाड़ियों की संख्या भी पड़ोसी राज्यों के मुकाबले कम है। वहीं, हिमाचल में वन क्षेत्र भी ज्यादा है। वहीं, पराली जलाने की भी समस्या नहीं है। यहां पर धान और गेहूं के अवशेषों को चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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हिमाचल की हवा साफ, शिमला-मनाली का रुख कर रहे अब टूरिस्ट -दिल्ली में हालात इतने खराब कि स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद किए