नई दिल्ली । छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन के एप पर गांजा बेचा जा रहा है। कैट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीआरबी) से इसकी जांच कराने की मांग की है। इस आरोप पर एमेजॉन ने कहा है कि वह खुद इस मामले की जांच कर रही है।
एमेजॉन का कहना है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रतिबंधित उत्पाद की लिस्टिंग या बिक्री की इजाजत नहीं देती। असल में मध्य प्रदेश पुलिस ने भिंड में एक ड्रग पैडलर रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट ने कथित तौर पर एमेजॉन के प्लेटफॉर्म से स्टीविया के पत्तों के बहाने गांजे की बिक्री की थी। आरोप है कि एमेजॉन के माध्यम से कुछ लोगों ने 390 पैकेट में करीब 1,000 किलो गांजा एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचा। कैट ने एक बयान में बताया कि इस मामले में सूरज पवैया और विजेंद्र सिंह तोमर नाम के दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस को इन ड्रग पैडलर्स के पास से एमेजॉन के पैकेट मिले हैं। पुलिस ने इस मामले में एमेजॉन को भी नोटिस भेजा है। इस बारे में एमेजॉन के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला कंपनी के संज्ञान में है और कंपनी खुद इसकी जांच कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अनुपालन के लिए उच्च मानक तय किए हैं और अमेजॉन.इन पर बिकने वाले उत्पादों के लिए सभी मान्य कानूनों का पालन करना होता है। हम ऐसे किसी भी उत्पाद की लिस्टिंग या बिक्री की इजाजत नहीं देते जो भारत में कानून के तहत प्रतिबंधित हों। गौरतलब है कि एमेजॉन एक ऐसामार्केट प्लेस है जो भारत में अमेजॉन.इन के माध्यम से थर्ड पार्टी के विक्रेताओं के उत्पादों का प्रदर्शन करता है और इसके प्लेटफॉर्म से इन उत्पादों की खरीद-फरोख्त होती है।
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अमेजॉन पर बेचा जा रहा गांजा, कैट ने एनसीबी से की जांच की मांग