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 एनआईआरडीपीआर, एमओआरडी ने विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से "ग्रामीण महिलाओं के लिए आगे क्या: वैश्विक बाजार को समझना" पर एक अनूठी कार्यशाला का आयोजन किया

 एनआईआरडीपीआर, एमओआरडी ने विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से "ग्रामीण महिलाओं के लिए आगे क्या: वैश्विक बाजार को समझना" पर एक अनूठी कार्यशाला का आयोजन किया

14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 137 स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।
नई दिल्ली । दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 40वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति  से सरोबार आजादी के अमृत महोत्सव थीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर  तक  प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2021 का आयोजन किया जा रहा है। प्रगति मैदान के हॉल नंबर–7 (ए, बी, सी) में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले  में देश भर के हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के उत्कृष्ट सामानों की बिक्री एवं सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर)  द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2021 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 137 स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरस मेले में आज सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसका  शीर्षक "व्हाट नेक्स्ट फॉर रूरल वीमेन: अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल मार्केट"  संपन्न हुई।  इस कार्यशाला में विदेश मंत्रालय के सहयोग से एनआईआरडीपीआर ने दिल्ली में विभिन्न दूतावासों के व्यापार और वाणिज्य प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। कार्यशाला में जैकब जारोस- वाणिज्यिक परामर्शदाता, चेक गणराज्य के दूतावास, और फिलिप डुफेक- तीसरे सचिव, चेक गणराज्य दूतावास; सुश्री चार्लेन, त्रिनिदाद और टोबैगो दूतावास के व्यापार प्रतिनिधि, लाओ पी.डी.आर दूतावास से व्यापार प्रतिनिधि; डॉ. ध्रुबा ज्योति पति, इंडिया टुडे ग्रुप के डीन और निदेशक; नकुल पाराशर, निदेशक; निमिश कपूर, प्रधान वैज्ञानिक; रिंटू नाथ- वैज्ञानिक एफ- विज्ञान प्रसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार शामिल हुए। राजदूत चिन्थापल्ली राजशेखर, आईएफएस- ओएसडी-स्टेट्स, विदेश मंत्रालय ने कार्यशाला की अध्यक्षता की और कार्यशाला का संचालन किया।
इस मौके पर चेक गणराज्य के प्रतिनिधियों ने कहा, "हम इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनकर खुश हैं, और निश्चित रूप से इसे आगे ले जाना चाहेंगे। हम अपने देश में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसे बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों के उत्पाद कैटलॉग की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम यहां बैठी सभी महिलाओं द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत और प्रयासों को देखकर और अपनी संस्कृति और कला को हम सभी के साथ साझा करने के लिए आगे बढ़ते हुए देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। हमें आमंत्रित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 
इस कार्यशाला में 29 राज्यों के 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया, कार्यशाला में गोवा, कर्नाटक, केरल, पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात, झारखंड, अंडमान और निकोबार आदि राज्यों के राज्य समन्वयकों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने अपने विचार साझा किए। 
आज की कार्यशाला ने ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय/वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए (विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ एक सहयोग की शुरुआत की है। आने वाली कार्यशालाओं में, एनआईआरडीपीआर की अन्य अनूठी पहल इन एसएचजी को स्थापित ई- जीईएम, फ्लिपकार्ट जैसे वाणिज्य मंच और कलगुली जैसे केंद्रित स्टार्टअप। माननीय प्रधान मंत्री के सपने को आगे बढ़ाते हुए, हम डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दे रहे हैं और महिलाओं को अपने दैनिक व्यवसाय में फोन-पे, गूगल-पे जैसी डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करने में सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद होंगे, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध हैं। 
वहीं, मेला में प्रवेश करने के लिए कोविड-19 के प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत मेला में प्रवेश करने वालों के लिए फेस मास्क बिल्कुल अनिवार्य है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया गया है। 
सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 30 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगार शुरु करने का मौका मिल सके। 
इसके साथ ही इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया आत्मनिर्भर भारत का संकल्प व “वोकल फॉर लोकल” अभियान को बढ़ावा मिल सके। 
 

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