नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या' को लेकर विवाद पर कहा कि धर्म का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा "जो लोग दुरुपयोग करके अपना वर्चस्व बनाते हैं, राज करने का प्रयास करते हैं, राजनैतिक चूलहे जलाते हैं, मैं उसका विरोध करता हूं। कहीं कहने की हिम्मत नहीं होती। अपनी राजनीतिक परिस्थितियों में कहने की हिम्मत नहीं होती है। जो मैंने कहा है वो खुद खुलकर साबित हुआ है। धर्म का दुरुपयोग अगर इस्लाम में होता है तो वो गलत है। हिन्दू धर्म में होता है तो गलत है। किसी भी धर्म में होता है तो वो गलत है। भारत प्यार का देश है। इसके विपरीत जो चलता है वो कहना तो पड़ेगा कि वो गलत है।"
उन्होंने कहा "जो ये कहते हैं कि तुलना कठोर है तो वो बता दें कि किसके साथ तुलना करें। कुछ लोग उदाहरण देने की बात करते हैं, इस बात का उदाहरण देने की आवश्यकता नहीं है। एक ज़हर से मारता है, एक चाकू से मारता है। उदाहरण सिर्फ इस बात का देना है कि धर्म की आड़ में धर्म का दुरुपयोग करके ये सब होता है। मैं तैयार हूं, मुझसे कोई बात करना चाहे तो करे लेकिन उनको बात करना आता नहीं है।"
उन्होंने कहा कि "मैं झूठ क्यों बोलूं। क्यों मैं हकीकत को छुपाऊं। मैं मानने को तैयार नहीं हूं कि कोई आदमी ज़ालिम है। जो कत्ल करता है उसे ज़ालिम नहीं कहना चाहिए? मेरी ये समझ नहीं है। अपनी राजनीति के बारे में अपने अस्तित्व के बारे में मुझे ये समझ नहीं है। अभी तक मुझे कोई एसा नहीं समझा पाया। वे ऑफ़ लाइफ़ से किसको आपत्ति है। लेकिन वे ऑफ लाइफ का मतलब, लोगों के घरों को जला दो, क्या ये वे ऑफ लाइफ है? मेरा घर जलाने का प्रयास हुआ। क्या वो वे ऑफ लाइफ है? क्या ये वो लोग नहीं है जिनके बेरे में मैंने उल्लेख किया है। किसी की कही हुई बात बुरी लगती है तो लोगों का घर जलाते हैं। क्या इस देश में ये आज़ादी है?"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा "सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया तब भी किसी ने कहा था अभी मत लिखिए, चुनाव आ रहे हैं। जो सुप्रीम कोर्ट ने किया वो मैं नहीं कर सकता। मेरी एक ही गलती है कि मैं हिन्दुस्तान की राजनीति में हूं। मैं मुंह पर पट्टी बांध लूं तो मैं कांग्रेस में क्यों रहूं, बीजेपी में न चला जाउं। लोकतंत्र में आदमी का हक होता है कि वो सच बोले। हमको कभी नहीं सिखाया गया कि सच बोलने से नुकसान होता है। हम राम नाम सत्य है कहते हैं वो हैं। वह क्या चाहते हैं कि मैं एक पुतला बन जाऊं?"
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लोकतंत्र में आदमी का हक होता है कि वो सच बोले - सलमान खुर्शीद