नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से मिलकर सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि क्रिप्टो-करेंसी गलत हाथों में ना जाए ,अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए डाटा को इस युग के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताकर कहा कि भारत ने इसकी सुरक्षा एवं निजता की रक्षा के लिए मजबूत ढांचा विकसित किया है और वह इसका इस्तेमाल लोगों के सशक्तीकरण के स्रोत के रूप में करता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया। उन्होंने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, ताकत और नेतृत्व को भी पुनर्भाषित कर रहा है। इसने प्रगति और समृद्धि के नए अवसर भी पैदा किये हैं।’’
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को क्षेत्र एवं दुनिया के लिए एक कल्याणकारी ताकत बताया। उन्होंने कहा,भारत में हमने डाटा सुरक्षा, निजता और सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया है। साथ ही साथ हम इसका उपयोग लोगों के सशक्तीकरण के स्रोत के रूप में कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि कोई देश प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कैसे करता है,यह उसके मूल्यों और दृष्टि पर निर्भर करता है।उन्होंने कहा, ‘‘भारत की लोकतांत्रिक परंपराएं पुरानी हैं, इसकी आधुनिक संस्थाएं मजबूत हैं।भारत की आईटी प्रतिभा ने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था निर्मित करने में भूमिका निभाई है।दैनिक जीवन में प्रौद्योगिकी और सेवा के अभ्युदय में भी योगदान दिया है। आज हम कोविन प्लेटफार्म दुनिया को मुफ्त में मुहैया करा रहे हैं और इसके सॉफ्टवेयर को सबके लिए उपलब्ध कराया है।उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जनहित के लिए नीति, समावेशी विकास और सामाजिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में भारत के व्यापक अनुभव का लाभ विकासशील विश्व को मिल सकता है।
प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को परिलक्षित करने वाली दुनिया के निर्माण तथा देशों की सुरक्षा व समृद्धि के लिए इस अहम बताया और सुझाव दिया कि भारत के इस अनुभव से विश्व के देशों व उसके लोगों को सशक्त करने तथा उन्हें इस शताब्दी के अवसरों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, एक साथ काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा,यह जरूरी है, कि लोकतांत्रिक देश एक साथ काम करें। भविष्य की प्रौद्योगिकी में शोध व विकास के लिए साथ-साथ निवेश करें, विनिर्माण और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करें, साइबर सुरक्षा को लेकर खुफिया जानकारी और जमीनी सहयोग को गहरा करें, अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप तकनीक और शासन के मानक नियम कायदे विकसित करें, डाटा की सुरक्षा और उसके सीमापार प्रवाह को रोकने के लिए एक मानक तय करें।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देशों के राष्ट्रीय अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके जरिए व्यापक जनहित में व्यापार और निवेश को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने क्रिप्टो-करेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का डिजिटल युग देशों की पसंद और नापसंद का ऐतिहासिक अवसर है और यह उन पर निर्भर करता है, कि वे इसका उपयोग कैसे करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें तय करना है कि हमारे युग के, प्रौद्योगिकी के सभी शानदार साधन सहयोग के लिए हैं या संघर्ष के लिए, बल द्वारा शासन के लिए हैं या पसंद के अनुरूप, प्रभुत्व के लिए हैं या विकास के लिए, दबाने के लिए हैं या अवसर के रूप में ?’’ उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में या उससे परे सहयोगियों को समय की इस मांग को सुनना चाहिए और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाह के लिए तैयार रहना चाहिए। मोदी ने कहा कि हमारी साझेदारी को आकार देने और विश्व व हमारे देशों के भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी को पूरा करने में सहायता करेगा।’’ नयी प्रौद्योगिकी को लेकर भारत के रुख का खाका पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अब दूरसंचार के क्षेत्र में 5जी और 6जी सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के लिए निवेश कर रहा है।
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पीएम मोदी ने कहा, सभी लोकतांत्रिक देश यह सुनिश्चित करें, क्रिप्टो-करेंसी गलत हाथों में ना जाए