लखनऊ । जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेता बूथ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के साथ अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्र स्तर पर लामबंद करने की तैयारी जोरों पर है। भगवा पार्टी की इस रणनीति ने पिछले तीन चुनावों में पार्टी को काफी फायदा पहुंचाया है। भाजपा ने बूथ स्तर तक समितियों के गठन और सत्यापन का काम पहले ही पूरा कर लिया है। पन्ना प्रमुखों (एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची के व्यक्तिगत पृष्ठों के प्रभारी पार्टी कार्यकर्ता) को भी नियुक्त किया गया है। अब इन बूथ समितियों को उनकी चुनावी भूमिका के बारे में बताया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 22-23 नवंबर तक यूपी के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे राज्य इकाई के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे और चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस दौरे के दौरान नड्डा लखनऊ में राज्य मुख्यालय में फील्ड वर्कर्स से भी बातचीत करेंगे। कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज और लखनऊ के पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन और 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए सदस्यता अभियान के लक्ष्यों में प्रगति के बारे में जानकारी दी जाएगी। भाजपा अध्यक्ष 22 नवंबर को गोरखपुर में बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अगले दिन वह कानपुर में बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और अन्य प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 25 नवंबर को अवध क्षेत्र के सीतापुर और वाराणसी मंडल के जौनपुर में भी बूथ अध्यक्ष सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों सम्मेलनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ब्रज क्षेत्र और पश्चिमी यूपी में बूथ सम्मेलनों में शामिल होंगे, जिनकी तारीखों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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यूपी में 'फिर एक बार योगी सरकार' बनाने को बीजेपी ने कसी कमर