मेलबर्न । ऑस्ट्रेलिया में उस वक्त पर्यटक दहशत में आ गए जब क्रिसमस द्वीप पर 5 करोड़ नरभक्षी केकड़े पुलों और सड़कों पर आ गए। लाल रंग के ये केकडे़ समुद्र की ओर जा रहे थे, ताकि बच्चों को जन्म दिया जा सके। ये केकड़े हर साल पश्चिमोत्तर ऑस्ट्रेलिया के जंगल से नैशनल पार्क के तट पर जाते हैं। माना जाता है कि यह धरती पर किसी जीव का सबसे बड़ा प्रवास होता है। केकड़ों के जाने से यह पूरा क्रिसमस द्वीप लाल हो जाता है। इतनी बड़ी तादाद में केकड़ों को देखकर वहां मौजूद पर्यटक और स्थानीय लोग सन्न रह गए और वीडियो तथा फोटो खींचने लगे।इस दौरान पुलों, सड़कों, चट्टानों और अन्य जगहों पर बस केकड़े ही दिखाई दे रहे थे।
बात दें कि क्रिसमस द्वीप के कर्मचारी कई महीनों पहले से ही इतने केकड़ों के स्वागत की तैयारी शुरू कर देते हैं। यही नहीं केकड़ों के लिए खासतौर पर पुल बनाए जाते हैं और कई अवरोधक भी बनाए जाते हैं। ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर ने कहा कि इस इलाके में वर्ष 2005 के बाद पहली बार इतनी बड़ी तादाद में केकड़े प्रवास पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ केकड़ों को संभालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, ताकि वे सुरक्षित तरीके से फ्लायिंग फिश कोव तक की यात्रा पूरी कर सकें।
कुछ केकड़े तीन मंजिला इमारतों पर चढ़ गए हैं या द्वीप के ऊचाई वाले से गिर गए हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर की जान बच जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक हर साल पहली बारिश के बाद अक्टूबर या नवंबर महीने में ये केकड़े बच्चे पैदा करने के लिए जाते हैं। इलाके में कुछ दिनों की भारी बारिश के बाद नर केकड़े अपने घरों से निकलते हैं और फिर तटों की ओर बढ़ते हैं।इस दौरान उनकी मादा केकड़ों से मुलाकात होती है।प्रत्येक मादा केकड़ा प्रवास के दौरान हिंद महासागर में अगले 5 या 6 दिनों तक 1 लाख अंडे देगी। एक महीने बाद लाल रंग के ये बच्चे तटों की ओर आ जाएंगे और क्रिसमस द्वीप के वर्षावनों की ओर रवाना हो जाते हैं। हालांकि समुद्र में केकड़े के ज्यादातर बच्चों को रास्ते में मछलियां और शार्क खा जाती हैं जो हर साल इसी ताक में यहां मौजूद रहती हैं। दुनियाभर से हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक इसे देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। ये केकड़े नरभक्षी होते हैं, इसलिए खतरनाक माने जाते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा लाल केकड़े क्रिसमस द्वीप पर पाए जाते हैं।
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5 करोड़ नरभक्षी केकड़ों से लाल रंग रंगा क्रिसमस दीप