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सीएम गहलोत ने स्वीकर किए तीनों मंत्रियों के इस्तीफे, शाम  को बुलाई कैबिनेट की बैठक, राज्यपाल से भी कर सकते हैं मुलाकात

सीएम गहलोत ने स्वीकर किए तीनों मंत्रियों के इस्तीफे, शाम  को बुलाई कैबिनेट की बैठक, राज्यपाल से भी कर सकते हैं मुलाकात

 नई दिल्ली । राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट गुट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट में खींचतान की खबरों के बीच कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान सरकार में बड़ा बदलाव करने का मन बना लिया लगता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी मंत्रियों से इस्तीफा लिया जा सकता है। गहलोत ने इससे पहले तीन मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
माना जा रहा है कि 21 नवंबर को गहलोत मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो सकता है और आज शाम सीएम गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र आज उत्तर प्रदेश से वापस लौट रहे हैं। कल हुए सियासी घटनाक्रम में राजस्थान के प्रभारी अजय माकन जयपुर पहुंचे और उन्होंने राजस्थान के तीन मंत्रियों शिक्षामंत्री गोबिन्द सिंह जोटासरा,स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और राजस्वमंत्री हरीश चौधरी के इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। इन तीनों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है और कांग्रेस संगठन में काम करने की इच्छा जताई है। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। इधर, मुख्यमंत्री आवास पर अभी बैठक जारी है। यहां गहलोत, अजय माकन के साथ चर्चा कर रहे हैं। सीएम आवास पर पीसीसी अध्यक्ष भी मौजूद है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर दौरे पर थे और आज उनके उदयपुर में रुकने का कार्यक्रम था, मगर ताजा घटनाक्रम की वजह से केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उनका दौरा रद्द कर दिया गया और अजय माकन को जयपुर भेजा गया है।
अजय माकन सीधे एयरपोर्ट से मुख्यमंत्री निवास पहुंचे जहां रात 12 बजे तक मुख्यमंत्री निवास पर चर्चा होती रही। शनिवार को पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अजय माकन के बीच चर्चा होगी, इसके बाद माना जा रहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच सुलह की राह खुलेगी। तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बाद गहलोत मंत्रिमंडल में 12 मंत्रीपद खाली हो गए हैं। गहलोत के नए मंत्रिमंडल में सचिन पायलट के खेमे के अलावा निर्दलीय और बसपा से आए विधायक भी मंत्री बनाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दिवाली से पहले ही राज्य कांग्रेस में फेरबदल पर विचार किया जा रहा था, लेकिन बाद में तय हुआ कि इसमें पूरी तरह से बदलाव किया जाएगा। सन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये बदलाव किए जा रहे हैं।
 

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