वॉशिंगटन । अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस शुक्रवार को करीब 1 घंटा 25 मिनट के लिए अमेरिका की राष्ट्रपति बनी और देश संभाला। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को नियमित ‘कोलोनस्कॉपी’ जांच कराने के लिए वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर गए और कुछ समय के लिए उन्होंने सत्ता उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को सौंप दी।
बाइडन राष्ट्रपति के तौर पर पहली नियमित जांच के लिए शुक्रवार तड़के वाशिंगटन के उपनगरीय क्षेत्र स्थित मेडिकल सेंटर गए थे। ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि ‘कोलोनस्कॉपी’ के दौरान बाइडन ‘एनिस्थीसिया’ के प्रभाव में रहे, इसलिए उन्होंने अल्पकाल के लिए हैरिस को सत्ता सौंप दी थी। यह पहली बार था जब हैरिस सवा घंटे के लिए राष्ट्रपति के पद पर रहीं। साकी ने कहा बाइडन ने स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 35 मिनट पर हैरिस और ह्वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रोन क्लैन से बातचीत के बाद अपना दायित्व संभाल लिया।
बाइडन (78) ने दिसंबर 2019 में अपने शरीर की पूरी जांच कराई थी और तब चिकित्सकों ने पूर्व उपराष्ट्रपति को 'स्वस्थ' और 'राष्ट्रपति का कर्तव्य सफलतापूर्वक निभाने के लिए उपयुक्त' पाया था। सन 2009 से ही बाइडन के चिकित्सक डॉ केविन ओ कोनोर ने तब तीन पन्नों के नोट में लिखा था कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडन पूरी तरह स्वस्थ हैं। बाइडेन प्रशासन में कमला हैरिस काफी चर्चा में रहीं, क्योंकि वह न केवल पहली महिला हैं बल्कि पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति भी हैं।
अमेरिकी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडेन ने रणनीति के तहत अपनी अधिनस्थ हैरिस को वैसे टास्क दिए जो काफी संवेदनशील थे और जिनसे निपटना तलवार की धार पर चलने जैसा था। शरणार्थियों और मताधिकार के मुद्दे भी ऐसे ही थे जिन्होंने बाइडेन की चाल सफल रही और हैरिस की लोकप्रियता का ग्राफ गिरने लगा। पिछले हफ्ते ही एक पोल में हैरिस की अप्रूवल रेटिंग घटकर सिर्फ 28 प्रतिशत जबकि बाइडेन की 38 प्रतिशत पर आ गई। खबरें हैं कि हैरिस को ह्वाइट हाउस के बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो रही है।
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कुछ देर के लिए अमेरिका की 'पहली महिला राष्ट्रपति' बनीं कमला हैरिस, एक घंटा 25 मिनट संभाला देश