ईरान द्वारा अमेरिका के एक शक्तिशाली ड्रोम को गिराए जाने के बाद उसकी त्योरियां चढ़ गईं हैं। अमेरिका द्वारा ईरान को धमकी देने के बाद अब युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में दुनिया के कई देश खुलकर अमेरिका के साथ या विरोध में आ गए है। रूस ने चेतावनी दी है कि ईरान के खिलाफ अमेरिका ने हमला किया तो भारी तबाही मचेगी। वहीं, सऊदी अरब ने अमेरिका के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि ईरान ने गल्फ में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। आपको बता दें कि ईरान ने अमेरिका के एक शक्तिशाली ड्रोन को मार गिराया है। उसका कहना है कि यूएस ड्रोन ईरान में घुस आया था जबकि पेंटागन का कहना है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में घटी। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को आगाह किया है कि ईरान पर आक्रमण करने से भारी तबाही मचेगी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन तेहरान सरकार के करीबी हैं। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन के द्वारा किसी प्रकार के फोर्स का इस्तेमाल क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा देगा और फिर नुकसान की भरपाई कर पाना काफी मुश्किल होगा। दरअसल, यूएस ने ईरान की कार्रवाई को अकारण हमला करार दिया है। रूस के आगे आने के बाद अमेरिका का प्रमुख सहयोगी सऊदी अरब भी इस मामले में कूद पड़ा है। सऊदी ने गल्फ के हालात को बिगाड़ने के लिए सीधे तौर पर ईरान के आक्रामक रवैये को जिम्मेदार ठहराया। सऊदी ने कहा कि वह इस बारे में परामर्श कर रहा है कि आगे कौन से कदम उठाए जाएं। सऊदी के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर ने आगाह किया कि हॉर्मूज जलडमरूमध्य के करीब तेल टैंकरों पर हमले ने वैश्विक स्थिरता पर चोट की है। मालूम हो कि इस रास्ते से दुनिया की तेल आपूर्ति का पांचवां हिस्सा जहाजों से होकर गुजरता है। सऊदी मंत्री ने कहा, 'जब आप इंटरनेशनल शिपिंग में दखल देंगे तो इससे ऊर्जा की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ेगा। इससे तेल की कीमतें भी प्रभावित होंगी और फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर होगा।' उन्होंने कहा कि ऐसे में दुनिया के हर व्यक्ति पर इसका असर पड़ता है।
एक फोन-इन सेशन में पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा, 'अमेरिका ने कहा है कि वह फोर्स के इस्तेमाल से इनकार नहीं कर सकता यह क्षेत्र में तबाही लाएगा। इससे न केवल हिंसा बढ़ेगी बल्कि शरणार्थियों की संख्या में भी भारी इजाफा होगा।' आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ओबामा के समय में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग हो गए हैं। इसके बाद भी ईरान ने 12 महीने से समझौते का पालन किया है। अमेरिका ने धीरे-धीरे उस पर प्रतिबंध फिर से लगा दिए हैं। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरानी तेल के आयातकों को प्रतिबंधों से मिली छूट खत्म करने के बाद अप्रैल में ईरान ने धमकी दे दी थी कि वह हॉर्मूज जलडमरूमध्य को बंद कर देगा। दरअसल, अमेरिकी प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। मई में इसी क्षेत्र में दो तेल टैंकरों पर हमले हुए। इस महीने फिर से हमले हुए। अमेरिका ने फुटेज जारी कर दावा किया है कि हमले में ईरान का हाथ था जबकि तेहरान ने इससे इनकार किया है।
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अमेरिका के ईरान को धमकाने के बाद मंडराने लगा युद्ध का खतरा!