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गंगा किनारे घाट निर्माण, रख-रखाव पर 730 करोड़ रुपए खर्च हुए 

गंगा किनारे घाट निर्माण, रख-रखाव पर 730 करोड़ रुपए खर्च हुए 

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की है। इसमें से एनएमसीजी ने 2014 से घाटों के निर्माण और उनके रखरखाव पर 730 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत बताया कि 'स्वच्छ गंगा कोष' से सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि एनएमसीजी को जारी किए गए 10,942.02 रुपए में से 10,649.40 रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें से स्वच्छ गंगा कोष की सीटू बायो-रेमेडिएशन (जल निकासी के उपचार) में खर्च की गई राशि 161,91,909 रुपए है, घाट निर्माण और रखरखाव पर एनएमसीजी द्वारा 731.31 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 2014 से सितंबर 2021 तक मीडिया और सार्वजनिक पहुंच पर 107.59 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
पर्यावरण संरक्षणवादी और संस्थापक सदस्य, सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट विक्रांत तोंगड, जिन्होंने आरटीआई के तहत सवाल किया था, ने कहा, स्वच्छ गंगा फंड' को नदी की वास्तविक सफाई पर खर्च किया जाना चाहिए, न कि परिधीय गतिविधियों पर। घाट लोगों के लिए आध्यात्मिक संबंध और बेहतर रिवरफ्रंट प्रबंधन के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, उन्हें अन्य स्रोतों से वित्त पोषित किया जा सकता है। कार्यकर्ता ने इस तथ्य की ओर भी इशारा किया कि अधिक घाट अधिक लोगों को नदी के मोर्चे पर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और चेतावनी दी कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मद्देनजर घाट का रखरखाव महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे अधिक लोगों को साबुन और डिटर्जेंट का उपयोग करने से हतोत्साहित करने की आवश्यकता है जब वे नहाने जाते हैं।
 

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