वाशिंगटन । संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना मामलों में फिर बढ़ोतरी हो रही है। बताया जाता है कि तेजी से फैलने वाले डेल्टा संस्करण के कारण कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से देश में पहले से ही डगमगाए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर बड़ा दवाब बनाया है।
देश में टीकों की कोई कमी नहीं है, लेकिन लोगों का डोज लेने से बचना भी कोरोना महामारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग की एजेंसी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, देश के कई हिस्सों में देखा गया कोविड-19 का उछाल पिछले नवंबर की तरह ही खराब स्थिति में जा पहुंचा है।
कोविड-19 के पुष्ट या संदिग्ध मामलों वाले मरीज एक साल पहले की तुलना में 15 राज्यों में अधिक आईसीयू बेड ले रहे हैं। कोलोराडो, मिनेसोटा और मिशिगन में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां लोगों की अस्पतालों में भर्ती (गहन देखभाल के तहत) दर, क्रमशः 41 प्रतिशत, 37 प्रतिशत और 34 प्रतिशत है।
मिशिगन ने हालांकि सार्वजनिक समारोहों पर कोई नया प्रतिबंध जारी नहीं किया है। इसके बजाय अधिक नागरिकों को मास्क लगाने और टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं, ऐसे हाल को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या देश में लाकडाउन लौटेगा? व्हाइट हाउस की ओर से कोरोना पर प्रतिक्रिया करते हुए जेफ जेंट्स ने कहा संयुक्त राज्य अमेरिका कोविड का प्रसार रोकने के लिए लाकडाउन की दिशा में आगे नहीं बढ़ रहा है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा हम उस दिशा में नहीं बढ़ रहे हैं। हमारे पास तेजी से बढ़ रही इस महामारी से बाहर निकलने के कई मार्ग मौजूद हैं। यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका में सीओवीआईडी-19 मामलों का वर्तमान सात-दिवसीय औसत 18 फीसदी से यानी 92,800 केस का प्रति दिन है। वालेंस्की ने कहा, लगभग 47 मिलियन पात्र अमेरिकी वयस्क और 12 मिलियन से अधिक किशोरों को अभी भी पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया है। 4 करोड़ 78 लाख 86 हजार 798 मामलों और 7 लाख 72 हजार 414 मौतों के साथ पर दुनिया में अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है।
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अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट से फिर बढ़ा कोरोना संक्रमण, स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ा दबाव