नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं। ममता अपने दिल्ली दौरे के दौरान पीएम मोदी के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र, त्रिपुरा हिंसा और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगी। माना जा रहा है कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद वे बीएसएफ का दायरा बढ़ाने सहित कई और मुद्दों पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करेंगी।
ममता 25 नवंबर तक दिल्ली में रहेंगी। चर्चा है कि मुख्यमंत्री कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अलावा विपक्ष के अन्य नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। ममता का दिल्ली का दौरा संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले हो रहा है, जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। इससे पहले जद (यू) के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा, कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए।
बता दें कि बीएसएफ को पहले पंजाब, बंगाल और असम राज्यों में पंद्रह किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था, लेकिन अब केंद्र या राज्य सरकार की अनुमति के बिना अपने अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है। बनर्जी ने केंद्र सरकार के कदम का लगातार विरोध कर रही हैं। अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि पंजाब सरकार की तरह बंगाल सरकार भी सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के फैसले का विरोध करेगी। उनका कहना है कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और बांग्लादेश से लगी पश्चिम बंगाल की सीमा पूरी तरह शांतिपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के कानूनों के अनुसार चलेगी।
बंगाल से भाजपा सांसद सौमित्र खान ने ममता पर निशाना साधकर कहा कि टीएमसी कांग्रेस से अलग हुई थी और अब वह राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ही हत्या कर रही है। कांग्रेस ने आम चुनाव से पहले टीएमसी के साथ हाथ मिलाकर अपने खात्मे की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर ममता चुनावों में विपक्षी दलों का चेहरा बनीं,तब देश की एकता खतरे में पड़ जाएगी।
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बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र, त्रिपुरा हिंसा और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर पीएम से चर्चा करेंगी ममता